एकमात्र पैदल रास्ता : कस्बे के बाहर ओवरब्रिज निर्माण होने व रेलवे फाटक बंद होने के बाद से कस्बे में एक भाग से दूसरे भाग में पैदल आने जाने का यही रास्ता बचा है। यहां से रोजाना सैकड़ों बच्चे स्कूल आते-जाते हैं। अस्पताल, बाजार व किसी की मृत्यु हो जाने पर श्मशान, कब्रिस्तान जाने के लिए भी यही रास्ता है। जिसे भी रेलवे ने मंगलवार को बन्द करने का प्रयास किया। ग्रामीणों के विरोध के चलते यह सफल नहीं हुआ।
एके-47 और 3000 हाईटेक ऑटोमेटिक गन से लैस हुई
कोटा पुलिस, अब नहीं बच पाएंगे खूंखार अपराधीएक माह का दिया अल्टीमेटम : ग्रामीणों ने प्रशासन को एक माह का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि यदि एक माह में अण्डरपास निर्माण की स्वीकृति नहीं दी तो ग्रामीण रेल रोको आंदोलन करेंगे तथा विधानसभा व लोकसभा चुनावों का बहिष्कार करेंगे। यही नहीं किसी भी पार्टी के नेता को कस्बे में नहीं घुसने दिया जाएगा।
फिर किया विरोध : धरना समाप्त होने के बाद रेलवे ने खोदी गई खाई को भरने के बजाय साइड से रास्ता बनवाने का प्रयास किया। इसकी जानकारी मिलने पर ग्रामीण फिर एकत्र हो गए और मशीन बन्द करवा दी। ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए रेलवे ने खोदी गई खाई को वापस भरवा दिया।