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विश्वशांति के लिए सैकड़ों लोगो ने किया महायज्ञ, आहुतियाें से महकी फिजां

कोटा. गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में गुमानपुरा स्थित मल्टीपरपज स्कूल परिसर में 251 कुण्डीय महायज्ञ शुक्रवार को शुरू हो गया।

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कोटा

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abhishek jain

Oct 27, 2017

Ashvamegh Mahayagya Silver Jubilee Celebration in Kota

कोटा .

गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में गुमानपुरा स्थित मल्टीपरपज स्कूल परिसर में 251 कुण्डीय महायज्ञ शुक्रवार को शुरू हो गया। देव संस्कृति दिग्विजय अभियान के तहत परिवार द्वारा किए गए अश्वमेघ महायज्ञ की रजत जयंती पर हो रहे इस महायज्ञ में शुक्रवार को सैकड़ों लोगोंं ने आहुतियां देकर विश्वशांति व खुशहाली की कामना की।

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पांडाल में श्रीराम शर्मा आचार्य के साधक जमा थे। वे शांतिकुंज हरिद्वार से आए विष्णु पांडय व डा. बृजमोहन गौड़ के सान्निध्य में आहुतियां दे रहे थे। इस दौरान मंत्रों के संग संगीत की धुनें भी गूंजायमान होती रही, श्रद्धा की बयार चलती रही। साधक पीत परिधानों में सजे थे। 251 कुंडों पर तीन पारियों में आहुतियां दी। इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत सुबह समूह साधना, ध्यानयोग प्राणायाम से हुई। बाद में देव पूजन व अन्य आयोजन तथा प्रवचन हुए। इस मौके पर परिवार की स्मारिका यजन का विमोचन भी किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महापौर महेश विजय थे।

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यज्ञ फिल्टर प्लांट की तरह इस मौके पर महापौर ने कहा कि यज्ञ जीवन की बहती नदी के लिए फिल्टर प्लांट की तरह है, जैसे प्लांट पानी को शुद्ध कर देता है, यज्ञ पर्यावरण के साथ विचारों का शुद्धिकरण करता है।

यज्ञाचार्य विष्णु पांड्या ने कहा कि व्यक्ति के गुण की तारीफ के बोल जीवन बदल सकते हैं। उन्होंने विश्वामित्र, महर्षि वशिष्ठ से जुड़े प्रसंग सुनाए। डॉ बृजमोहन गौड़ ने कहा कि साधना से आनंद व शांति दोनों की प्राप्ति हो सकती है।

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संभागभर से आए साधक

महायज्ञ में भाग लेने के लिए संभाग भर से कोटा समेत करीब 3 हजार साधक आए। गायत्री परिवार की ओर से बाहर से आने वाले साधकों के लिए पंजाब सभाभवन, संत कंवररामधर्मशाला, अणुव्रत भवन, गायत्री शक्तिपीठ विज्ञान नगर समेत अन्य स्थानों पर ठहरने की व्यवस्था की गई।