
कोटा .
गायत्री परिवार की ओर से मल्टीपरपज स्कूल में चल रहे 251 कुंडीय महायज्ञ का समापन रविवार को हुआ। इससे पहले गायत्री मंत्रों के साथ बड़ी संख्या में लोगों ने महायज्ञ में विश्वशांति व कल्याण के लिए आहुतियां दी। पांडाल में बड़ी संख्या में साधक मौजूद थे। शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में पहले अश्वमेघ महायज्ञ की रजत जयंती के उपलक्ष्य में मल्टी परपज स्कूल में 26 अक्टूबर से देव संस्कृति पुष्टिकरण 251 कुण्डीय महायज्ञ का आयोजन किया गया। इसमें संभाग भर से करीब 7 हजार साधकों ने विष्णु पांड्या के सान्निध्य में आहुतियां दी।
इस दौरान भारतीय संस्कृति साकार सी होती नजर आई। यज्ञ के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण, नशामुक्ति व दुव्र्यसनों को छोडऩे के संदेश भी दिए। इस दौरान हम बदलेंगे युग बदलेगा सरीखे उद्घोष से पूरा पांडाल गूंजायमान हो गया।
ध्यान व साधना
कार्यक्रम की शुरुआत में बड़ी संख्या में मौजूद साधकों ने समूह साधना की। लोगों ने गायत्री महामंत्र का मन ही मन देर तक जाप किया। फिर ध्यान योग का दौर शुरू हुआ, यह देर तक चला। बाद में एक साथ 251 कुंडों पर साधक जमा हुए और मंत्रों की गूंज, भजनों की बयार के बीच महायज्ञ में आहुतियां दी।
दीक्षा व शिक्षा संस्कार
महायज्ञ के समापन पर दीक्षा व शिक्षा समेत अन्य संस्कार भी हुए। सह संयोजक हेमराज पांचाल ने बताया कि 65 साधकों ने गायत्री मंत्र ? की दीक्षा ली। 11 के पुंसवन संस्कार कराए गए। इसके अलावा 11 का यज्ञोपवित, 5 का विद्यारंभ व 5 का मुंडन संस्कार हुआ। कार्यक्रम में गायत्री परिवार के मुख्य ट्रस्टी जी डी पटेल, जिला समन्वयक चतुर्भुज जोशी, सह संयोजक रामकिशन सुमन, ट्रस्टी आदित्य विजय समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।
Published on:
29 Oct 2017 06:41 pm
बड़ी खबरें
View Allकोटा
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
