
कोटा .
शहर में सफाई श्रमिक लगाने से लेकर कचरा परिवहन में घालमेल हो रहा है। कचरा प्वाइंट्स से न समय पर कचरा उठता है और न पूरा कचरा ट्रेचिंग ग्राउण्ड पहुंचता है। ठेकेदार डीजल बचाने के लालच में कचरे को शहर के आसपास ही खाली कर रहे। कचरे की जगह ट्रॉली में निर्माण सामग्री व पत्थर लगाया जा रहा है ताकि तोल पूरा हो जाए।
कांग्रेस पार्षदों ने सोमवार को इस तरह का कचरा परिवहन में चल रहे घालमेल को पकड़ा। निगम की ओर से शहर में कचरा परिवहन के लिए कुल 85 ट्रैक्टर-ट्रॉलियां लगा रखी हैं। प्रत्येक वाहन को दिन में दो चक्कर लगाना अनिवार्य है, लेकिन ट्रेचिंग ग्राउण्ड पर इन वाहनों का रिकॉर्ड तक नहीं है। केवल एक ठेका कर्मी लगा है, जो कम्प्यूटर से तोल पर्ची निकालता है। यहां निगरानी के लिए लगे सीसीटीवी कैमरे खराब पड़े हैं।
कांग्रेस पार्षदों ने खोली पोल
नगर निगम नेता प्रतिपक्ष अनिल सुवालका की अगुवाई में पार्षद दिलीप पाठक, मोहम्मद हुसैन, शमा मिर्जा, मोनू कुमारी मेघवाल कार्यकर्ताओं के साथ दोपहर 12 बजे ट्रेचिंग ग्रउण्ड पहुंचे और कचरा लेकर आ रही ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की जांच की। तीन ट्रॉलियों में तो मलबा और निर्माण सामग्री भरी थी, दो ट्रॉलियों में पेड़-पौधों की टहनियां। टहनियों को हटाया तो नीचे पत्थर भरे थे।
पहली पारी की ट्रॉलियां ही नहीं पहुंची
पहली पारी में कचरा उठाकर ट्रेचिंग ग्राउंड पहुंचने का समय करीब दोपहर 12 बजे का होता है। सोमवार को कांग्रेस पार्षद दल वहां पहुंचा तो 3 बजे तक भी सेक्टर 11 के वार्ड 24 व 28, सेक्टर 2 के वार्ड 13 व 38 की ट्रॉली, सेक्टर 3 के वार्ड के 15, सेक्टर 10 के वार्ड 23 व 52 की ट्रॉली, सेक्टर 14 के वार्ड 31 की ट्रॉली एक पारी का कचरा लेकर भी ट्रेचिंग ग्राउंड नहीं पहुंची थी।
तोल में गड़बड़ी
पार्षद सुवालका व पाठक ने बताया कि ट्रेचिंग ग्राउंड में कचरा तोल के लिए निजी फ र्म का ठेका है। कर्मचारी कम कचरा होने पर भी पूरे तोल की पर्ची निकाल देते हैं। दो ट्रॉलियों की वजन की जांच में यह गड़बड़ी पार्षदों ने पकड़ी।
आयुक्त को बताएंगे
सुवालका ने बताया कि मंगलवार को आयुक्त डॉ. विक्रम जिंदल से भेंटकर कचरा परिवहन में चल रहे घोटाले अवगत कराया जाएगा। कार्रवाई नहीं हुई तो कांग्रेस पार्षद आंदोलन करेंगे।
पहले भी पकड़ा, सब बेअसर
करीब एक साल पहले महापौर महेश विजय ने अधिकारियों के साथ ट्रेचिंग ग्राउण्ड का दौरा कर कचरा परिवहन में गड़बड़ी पकड़ी थी, इसके बाद निगरानी का निर्णय हुआ, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। कांग्रेस के पार्षदों ने भी 6 मई को ट्रेचिंग ग्राउण्ड में कचरा परिवहन का घोटाला पकड़ा था, लेकिन कोई अंकुश नहीं लगा।
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आदेश हकीकत
1. कचरा परिवहन वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाए जाएंगे।
- एक भी ट्रैक्टर-ट्रॉली पर जीपीएस सिस्टम नहीं लगा।
2. उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय कमेटी को जांच करना था।
- एक साल में एक बार भी ट्रेचिंग ग्राउण्ड पर नहीं की जांच।
3. प्रत्येक ट्रैक्टर-ट्रॉली को कचरा भरकर दो चक्कर लगाने होंगे।
- एक ही चक्कर लगाते हैं, दो पारी का बिल उठाते हैं।
Published on:
25 Dec 2017 10:42 pm
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