scriptकोटा में टिड्डियों का हमला, मचा हड़कम्प.. | Big breaking : locust attack in kota | Patrika News

कोटा में टिड्डियों का हमला, मचा हड़कम्प..

locationकोटाPublished: May 29, 2020 07:42:11 pm

Submitted by:

Kanaram Mundiyar

आगामी दिनों में भी होंगे टिड्डी दलों के हमले
 

dscn4783.jpg

कोटा. कोरोना की तरह प्रदेश के हर जिले में अब टिड्डी दल भी अपने पांव पसारता जा रहा है। टिड्डी दलों ने अब तक राजस्थान के कई जिलों में अपना असर दिखाया है और अब टिड्डियों का प्रकोप कोटा में भी देखने को मिला है। कोटा में दादाबाड़ी, रावतभाटा रोड, वल्लभनगर, एरोड्राम, नयापुरा समेत कई जगहों पर टिड्डी दल के हमले की खबर सामने आई है।

आगामी दिनों में भी होंगे टिड्डी दलों के हमले
टिड्डी ना सिर्फ राजस्थान बल्कि देश के कई हिस्सों में अपना असर दिखा चुकी है। अकेले राजस्थान के 22 से ज्यादा जिलों में यह दल 95 हजार हेक्टेयर से ज्यादा फसलों को चट्ट कर चुके हैं। राजस्थान के अलावा मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में टिड्डी दलों के हमले हो रहे हैं। यूएन ने चेतावनी दी है कि देश के कई राज्य इससे प्रभावित होंगे। वहीं राजस्थान में आगामी दिनों में भी टिड्डी दलों के हमले देखने को मिलेंगे।

जुलाई में दोबारा लौटने की संभावना
मानसूनी हवाओं के साथ जुलाई में दोबारा राजस्थान के साथ उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश में टिड्डी दलों के लौटने की संभावना है। कृषि आयुक्त ओम प्रकाश के अनुसार टिड्डी दल पाकिस्तान से आ रहे हैं। कृषि विभाग ने अनुसार जैसे-जैसे जिलों में टिड्डी प्रकोप बढ़ता जा रहा है वैसे-वैसे संसाधनों में भी बढ़ोतरी कर रहा है। ड्रोन, दमकल, ट्रेक्टर आदि से कीटनाशक का छिड़काव किया जा रहा है। टिड्डियों को मारने के लिए अब तक 50 हजार लीटर से ज्यादा कीटनाशक का छिड़काव किया जा चुका है। लेकिन टिड्डियों के खात्मे के लिए यह पूरी तरह प्रभावी नहीं है। कीटनाशक से आधी ही टिड्डियां मर पाती रही है।
मानसून से पहले अंडे खत्म करना जरुरी
कृषि विभाग के अधिकारियों को कहना है कि प्रदेश में मानसून आने से पहले टिड्डी दल के अंडे पूरी तरह खत्म करने होंगे। नहीं तो यह बड़ी समस्या होगी। क्योंकि मानसून के बाद किसान खेतों में फसल बोना शुरू कर देगा और टिड्डी दल के हमले उन्हें नष्ट कर देंगे। टिड्डी दलों को खत्म करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि जहां इनका ब्रिडिंग सेंटर है वहीं पर गहरा गढ्ढा खोदकर इनके अंडे को दबा दिया जाए तो यह नहीं पनपेगी। माना जाता है कि एक वयस्क मादा टिड्डी अपने तीन महीने के जीवन चक्र में तीन बार में करीब 90 अंडे देती है। ऐसे में अगर यह अंडे नष्ट नहीं हुए तो एक झुंड में 4 से 8 करोड़ तक टिड्डियां प्रति वर्ग किलोमीटर में पैदा हो जाएगी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो