
अंकितराज सिंह चंद्रावत
राजस्थान में 10 रुपये के नोटों की जमकर कालाबाजारी हो रही है। बैंक से नोट लेने के लिए लोगों को बिचौलियों का सहारा लेना पड़ रहा है, जो डेढ़ गुना कीमत पर उपलब्ध करवा रहे हैं। राजस्थान पत्रिका की दो दिन की पड़ताल में सामने आया कि शहर में दर्जनों बिचौलिए सक्रिय हैं, जो 10 और 20 रुपये के नोटों की गड्डियां कमीशन पर उपलब्ध करवा रहे हैं। दस रुपये की गड्डी के लिए 1500 रुपए तक वसूल रहे हैं। घंटाघर, सब्जीमंडी और तलवंडी क्षेत्र में नोट बदलने की दुकानों पर ये नोट आसानी से मिल रहे हैं। यहां बिचौलिये बैग में नोटों की गड्डियां लेकर घूमते हैं और डेढ़ गुना तक दाम वसूलते हैं।
पत्रिका ने सब्जीमंडी स्थित एक बिचौलिये से बात की। नाम न छापने की शर्त पर उसने बताया कि 10 रुपए के नोट बैंक में नहीं मिलते, क्योंकि ‘सब सेटिंग से होता है।’ शादी-ब्याह के सीजन में 10, 20 और 50 रुपए के कड़क नोटों की मांग बढ़ जाती है। ये नोट बारात में लुटाने और नेग देने के लिए खासतौर पर पसंद किए जाते हैं। बैंकों में नए नोटों की गड्डियां नहीं मिलने से अतिरिक्त देकर खरीद रहे हैं। 10 रुपए के नोटों की कालाबाजारी नई बात नहीं है। कई दुकानदार लंबे समय से इन नोटों से कमाई कर रहे हैं। शादी-ब्याह के सीजन में उनकी मौज हो जाती है। सीजन में दस की गड्डी 1600 रुपए तक में बिकती है।
2 तथा 5 रुपए मूल्यवर्ग के नोटों का मुद्रण बंद कर दिया गया है तथा इन मूल्यवर्गों के सिक्के बनाए जा रहे हैं, क्योंकि इन बैंक नोटों का मुद्रण तथा शोधन इनके जीवनकाल के अनुरूप नहीं था। यद्यपि, पूर्व में जारी किए गए इस तरह के नोट अभी भी बाजार में हैं तथा वैध मुद्रा हैं। 1 रुपए के नोट समय-समय पर भारत सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं। यदि कोई भी व्यक्ति फ्रेश गड्डी को ज्यादा मूल्य पर विक्रय करने का कारोबार करता है तो इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर शिकायत की जा सकती है और साथ ही नजदीकी पुलिस थाना में भी लिखित में परिवाद दिया जा सकता है। यह एक तरह से ब्लैक मार्केट श्रेणी का कारोबार है।
प्रशांत चौहान, एडवोकेट
पत्रिका: मेरे घर में शादी है, मुझे 10 रुपए के फ्रेश नोट चाहिए?
बिचौलिया: कितने के लेने हैं और कब लेने हैं?
पत्रिका: 10-15 हजार के नोट चाहिए।
बिचौलिया: मिल जाएंगे, लेकिन 1,000 रुपये पर 500 रुपये अतिरिक्त देने होंगे।
आरबीआई से ही 10 के नोट कम आ रहे हैं। ऐसे में सभी बैंकों में कम मात्रा में ही इनको दिया जाता है। बाजार में इनकी कालाबाजारी हो रही है। इसके बारे में जानकारी नहीं है। संबंधित अधिकारी को बोल जांच करवाई जाएगी।
दिलीप कोर, लीड बैंक अधिकारी, कोटा
Published on:
11 Dec 2024 12:59 pm
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