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जिस हिस्ट्रीशीटर को तलाश रही थी राजस्थान की पुलिस, भाजपा के विधायक पहना रहे थे उसे माला

धोखाधड़ी, फर्जीवाड़े और लोगों को धमका कर जमीन हड़पने के दर्जन भर मामलों में वांटेड का भाजपा के विधायकों ने कोटा में सम्मान कर डाला।

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BJP MLA S Honored Wanted Criminal of Rajasthan Police in kota

राजस्थान के जिस हिस्ट्रीशीटर महावीर प्रसाद टोरड़ी को पुलिस धोखाधड़ी, फर्जीवाड़े और जमीन हड़पने के दर्जन भर मामलों में पुलिस जोर-शोर से तलाश रही थी। उसका कोटा में भाजपा के विधायकों प्रहलाद गुंजल और चंद्रकांता मेघवाल सहित कई नेताओं ने स्वागत एवं सम्मान कर डाला। नेताओं ने उसे माला पहनाई, फोटो खिंचवाए और फिर पूरे आयोजन का अधिकारिक प्रेस नोट भी जारी किया, लेकिन मामला पकड़ में आने के बाद विधायकों की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई और अब सफाई देते घूम रहे हैं।

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फर्जी संस्थाएं बना करता है ठगी

जयपुर के करणी विहार थाने के हिस्ट्रीशीटर महावीर प्रसाद टोरड़ी का कोटा के विधायकों ने सर्किट हाउस में ही खुलेआम सम्मान कर डाला। टोरड़ी पर दर्जन भर से भी ज्यादा मामले दर्ज हैं। टोरड़ी ने कई फर्जी संस्थाएं बना रखी हैं। जिनकी मदद से लोगों को ठगने और धोखाधड़ी का काम करता है। इन संस्थाओं के जरिए वह पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों तक को झांसा देता आया है। पिछले दिनों सीकर में भी वह राजकीय अतिथि बनकर गया था। मामला खुलने पर सीकर पुलिस ने उसके खिलाफ अगस्त 2017 में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया।

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समरता मिशन पर आने का दावा

राजस्थान पुलिस के वांटेड का कोटा के विधायकों की ओर से सम्मान करने की वजह जानने के लिए जब टोरड़ी से बात करनी चाही तो उसकी बजाय उसके सचिव अविनाश खंडेलवाल सामने आए। उन्होंने दावा किया कि टोरड़ी इण्डो-नेपाल समरसता ऑर्गनाइजेशन की ओर से इण्डो-नेपाल समरसता सोशल मिशन यात्रा के दौरे पर कोटा आया था। यहीं पर उसने कोटा की रामगंजमंडी विधानसभा से भाजपा की विधायक चंद्रकांता मेघवाल से न सिर्फ इस मिशन से जुड़े पोस्टर का विमोचन करावाया, बल्कि दूसरे विधायक प्रहलाद गुंजल से माला पहनवाकर सम्मान भी करवा लिया। अविनाश ने कहा कि टोरड़ी नेपाल उपराष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक विशिष्ट सलाहकार हैं।

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12 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं

हिस्ट्रीशीटर महावीर प्रसाद टोरड़ी फिलहाल जयपुर के करणी विहार थाना क्षेत्र में रह रहा था। उस पर 1984 में पहली बार मुकद्दमा दर्ज हुआ और उसके बाद 2015 तक तो एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज हो गए। सिर्फ करणी विहार थाने में ही नहीं जयपुर के मोतीडूंगरी, अशोक नगर सदर, सोडाला, चाकसू, श्याम नगर, मुरलीपुरा, महेशनगर, मालपुरा, टोंक, हनुमानगढ़ टाउन, हनुमानगढ़ सहित कई अन्य थानों में फर्जीवाड़ा, प्लॉट जमीन हड़पने, धमकाकर वसूली करने जैसे कई मामले दर्ज हैं।

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जयपुर पुलिस खोली टोरडी की पोल

जयपुर के करणीनगर थाना सीआई महावीर सिंह ने बताया कि टोरड़ी श्याम नगर थाने का हिस्ट्रीशीटर है, जिसने वर्तमान में मकान हमारे इलाके में बना रखा है। इसलिए उसके सारे मुकद्दमे हमारे थाने में ही हैं। फिलहाल वह वांटेड भी है। इन सभी के बाद बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि कोटा पुलिस को इस बारे में कोई भनक तक नहीं लगी और टोरड़ी भाजपा के विधायकों से सर्किट हाउस में खुलेआम सम्मान करा कर यहां से निकल भी गया।

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बीबी बच्चों के साथ जेल भी काट चुका है टोरडी

हनुमानगढ़के सीएलजी सदस्यों को सम्मानित करने के नाम पर 9 से 13 अगस्त 2015 के बीच उसने ढाई-ढाई हजार रुपए की ठगी की। इसके लिए उसने एसपी कार्यालय से सीएलजी सदस्यों के नामों की लिस्ट ली। उक्त मामले में 7 जनों को आरोपी बनाया गया था। इसमें टोरड़ी के बेटे कुलदीप शर्मा और कुलदीप की पत्नी मोनिका शर्मा भी आरोपी थे। इसके अलावा 4 अन्य आरोपी थे। इस मामले में टोरड़ी जेल भी काट चुका। टोरड़ी ने अगस्त 2017 में सीकर पुलिस से स्टेट गेस्ट का दर्जा ले लिया। पुलिस ने भी टोरड़ी की संस्था के पत्र को ही सरकारी पत्र मानकर उसे सुरक्षा मुहैया करा दी।

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फंसे तो देने लगे सफाई

हिस्ट्रीशीटर को सम्मानित करने के मामले में जब भाजपा की विधायक चंद्रकांता मेघवाल फंसने लगीं तो उन्होंने सफाई देना शुरू कर दिया। चंद्रकांता ने कहा कि टोरड़ी के पूरे कार्यक्रम का प्रेसनोट उनके दफ्तर से ही जारी हुआ था, इसकी उन्हें जानकारी नहीं है और ना ही वह टोरडी को जानती हैं। उन्होंने कहा कि "मैं तो सर्किट हाउस में एक मीटिंग में गई थी। वहां गेट पर हंसा त्यागी और कुछ कार्यकर्ता मिले, जो मेरा स्वागत करने लगे। टोरड़ी तो वहां अंदर गेट के पास खड़ा था। हंसा ने ही मेरा परिचय उससे करवाया।" वहीं एक हिस्ट्री शीटर का कार्यक्रम सर्किट हाउस में कराने के मामले में सर्किट हाउस के मैनेजर विमल कुमार ने सफाई देते हुए कहा कि महावीरप्रसाद टोरड़ी शनिवार को सर्किट हाउस परिसर में आया था। सभी नेता इसका स्वागत-सत्कार कर रहे थे। हमारे पास प्रशासन या की तरफ से कोई आदेश नहीं था। इसलिए हमने कोई कमरा भी नहीं खोला था। कुछ देर बाद वो तो चला गया था।

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दुश्मनी में खोली हिस्ट्रीशीट

वहीं दूसरी ओर टोरड़ी के सचिव अविनाश कुमार खंडेलवाल ने तो उल्टा राजस्थान पुलिस को ही कटघरे में खड़ा कर दिया। खंडेलवाल ने कहा कि हमने एक एएसपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी, जिसके बाद राजस्थान पुलिस हमसे नाराज हो गई। हिस्ट्रीशीट तो पुलिस किसी की भी खोल देती है, हम पर कोई जुर्म प्रमाणित नहीं हुआ।