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कोटा की बापू कॉलोनी में लोग तरस रहे है मूलभूत सुविधाओं को …बारिश में बन जाती है ‘टापू कॉलोनी’

अलग-अलग कितनी ही सरकारें आई, लेकिन कॉलोनी की समस्याएं जस की तस बनी रही।

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Conditions of Kota's colonys

कोटा .

पटरी पार स्थित बापू कॉलोनी के बाशिन्दे पिछले 25 साल से विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही। अलग-अलग कितनी ही सरकारें आई, लेकिन कॉलोनी की समस्याएं जस की तस बनी रही। समस्याओं को लेकर क्षेत्रवासी निगम, यूआईटी, पार्षद, जिला कलक्टर व जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कुछ नहीं हुआ। और तो और एक नाले की मांग तक पूरी नहीं हो सकी। बारिश में पानी का निकास नहीं होने से बापू कॉलोनी 'टापू कॉलोनी' बन जाती है। बारिश का पानी घरों में घुस जाता है। आवागमन बंद हो जाता है। इस पानी की सीलन से मकान जर्जर हो रहे हैं। इसके अलावा जगह-जहग से सड़क उखड़ी पड़ी है।

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ये हैं समस्या
यहां खुलेआम अवैध शराब बेचने की समस्या है। कोई पार्क भी नहीं है। सफाई समय पर नहीं होना, ट्रांसफार्मर खुले पड़े होना, रंगपुर ओवरब्रिज के नीचे अतिक्रमण, रेलवे स्टेशन का पानी कॉलोनी में आना, टूटी सड़कें प्रमुख समस्याएं हैं। सार्वजनिक शौचालय नहीं है, पाइप लाइन जर्जर हो चुकी है।

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दरवाजों पर बना रखी है दीवार
बापू कॉलोनी के कई मकानों में बारिश का पानी घर में घुसने से रोकने के लिए दीवार बना रखी है। इन अवरोधों को देखकर आने-जाने वाले भी चौंक जाते हैं, लेकिन लोगों की मजबूरी है, जो उन्हें मुख्य द्वार पर अवरोध लगाने पड़ते हैं।

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जनता की पीड़ा
स्थानीय निवासी पंकज शर्मा का कहना है कि घरों के सामने नालियों का निर्माण सालों से नहीं हुआ। वार्ड पार्षद को कई बार शिकायत की, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ।

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बृजमोहन पांडे का कहना है कि यहां कोई पार्क नहीं है, रिटायर्ड कर्मियों को घूमने के लिए स्थान नहीं मिलता। पानी की पाइप लाइन जर्जर है
मधु तंवर का कहना है कि नलों में पानी कम प्रेशर से आता है। नई पाइप लाइन डालनी चाहिए। सार्वजनिक नल भी लगना चाहिए।