
कोटा .
चम्बल जल बंटवारे को लेकर मध्यप्रदेश व राजस्थान के जल संसाधन विभाग का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। 10 नवम्बर तक 3000 क्यूसेक पानी पार्वती एक्वाडक्ट पर नहीं मिलने से खफा मध्यप्रदेश जल संसाधन विभाग ने गांधी सागर बांध से जल प्रवाह घटाना शुरू कर दिया है। तीन दिन में जल प्रवाह 8448 से घटाकर 2414 क्यूसेक कर दिया है।
इसके बाद राजस्थान जल संसाधन विभाग ने समझौते के राजस्थान सीमा में दाईं मुख्य नहर से निकल रही ब्रांच, सब ब्रांच, माइनरों में जल प्रवाह कम कर पार्वती एक्वाडक्ट पर पूरा पानी पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। पानी की निगरानी के लिए विभागीय अभियंताओं द्वारा नहरों की लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है।
सूत्रों के अनुसार गांधी सागर बांध से 11 नवम्बर को 8448 क्यूसेक पानी चम्बल में छोड़ा गया। इसके बाद 12 को जल प्रवाह घटाकर 5176 क्यूसेक कर दिया, वहीं 13 नवम्बर को जल प्रवाह और घटाकर 2414 क्यूसेक कर दिया।
नहीं पहुंच रहा पूरा पानी
दाईं मुख्य नहर से पार्वती एक्वाडक्ट पर 10 नवम्बर को 2707, 11-12 नवम्बर को 2766, 13 को दिनभर 2830 क्यूसेक पानी पहुंचाया गया, जबकि पूर्व में हुए समझौते के मुताबिक 10 नवम्बर तक पार्वती एक्वाडक्ट पर 3000 क्यूसेक पानी पहुंचाने का वादा किया था।
निगरानी को मप्र ने लगाए 10 अभियंता
मध्यप्रदेश जल संसाधन विभाग ने नहर की निगरानी के लिए 10 अभियंता लगाए हैं, जो लगातार राजस्थान की नहरों की मॉनीटरिंग कर रहे हैं। उनके साथ राजस्थान जल संसाधन विभाग के अभियंता भी लगे हैं। एमपी के अधिकारियों ने बताया कि श्योपुर एईएन पार्वती एक्वाडक्ट से अंता तक व कोटा लगे मप्र के एईएन नवीन गौड़ अंता से कोटा तक नहर की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
जल संसाधन विभाग मुरैना एसई आर.पी. झा का कहना है कि कोटा के अधिकारियों से पानी को लेकर बात हुई है। हमने उनके एसई के साथ कैनाल का संयुक्त निरीक्षण किया। निरीक्षण में नहर में पानी कम चलता मिला। इस कारण हमने राजस्थान की पांच बड़ी ब्रांचों पर श्योपुर की आवदा कैनाल का स्टाफ लगाया है।
Published on:
13 Nov 2017 09:47 pm
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