scriptलक्ष्मी का चाहते हैं हमेशा साथ तो दिवाली पर सिर्फ इसी मुहूर्त में करें पूजन | diwali puja muhurat for lakshmi ganesh pujan | Patrika News

लक्ष्मी का चाहते हैं हमेशा साथ तो दिवाली पर सिर्फ इसी मुहूर्त में करें पूजन

locationकोटाPublished: Nov 05, 2018 08:36:23 pm

Submitted by:

​Vineet singh

जानिए वह खास मुहूर्त जिसमें पूजन करने से आपके घर-कारोबार में हमेशा के लिए हो जाएगा मां लक्ष्मी का वास।

diwali puja muhurat for lakshmi ganesh pujan

diwali puja muhurat for lakshmi ganesh pujan

कोटा.

पूरी श्रद्धा और विधि विधान से पूजा करने के बाद भी देवी लक्ष्मी की कृपा नहीं बरस रही तो समझ लीजिए कि आपने पूजा का मुहूर्त देखने में गलती कर दी है। यूं तो दिवाली के दिन सुबह से लेकर रात तक मां लक्ष्मी की कभी भी पूजा की जा सकती है और इसके लिए कई मुहूर्त भी बताए जाते हैं, लेकिन हम आपको बताते हैं वह खास मुहूर्त जिसमें पूजन करने से देवी लक्ष्मी का वास हमेशा से आपके घर में हो जाएगा।
देवासुर संग्राम के दौरान जब देवताओं और दैत्यों ने मिलकर समुद्र मंथन किया तो उसमें से निकले 14 रत्नों की उत्पत्ति हुई। समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक अमावस्या के दिन देवी लक्ष्मी प्रकट हुईं। जैसे ही देवी लक्ष्मी समुद्र से बाहर निकली उन्हे पाने के लिए सब आतुर हो उठे, लेकिन उन्होंने भगवान विष्णु का वरण किया। इसलिए दिवाली के दिन देवी लक्ष्मी का प्राकट्योत्सव और विवाहोत्सव दोनों मना कर धन-वैभव की कामना की जाती है।
पंडित शिव प्रकाश दाधीच बताते हैं कि मां लक्ष्मी का स्वभाव बेहद चंचल हैं, लेकिन हर व्यक्ति चाहता है कि मां स्थाई रूप से उनके पास रहें ताकि धन धान्य की कभी कमी नहीं रहे। कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मां लक्ष्मी का प्रकाट्योत्सव और विवाहोत्सव मनाया जाता है। इस दौरान स्थिर लग्न में पूजन करने से ही देवी लक्ष्मी का घर और कारोबार में स्थिर वास होता है।
ये हैं स्थिर लग्न

पंडित शिव प्रकाश दाधीच बताते हैं कि यूं तो सुबह 6.46 बजे से ही अमृत लाभ का चौघडिय़ा बन जाता है, लेकिन मां लक्ष्मी की स्थिर संग्यक लग्न में पूजा करने पर विशेष फल मिलता है। दिवाली के दिन पहला स्थिर संग्यक वृश्चिक लग्न सुबह 7.34 बजे से 7.52 बजे तक ही बन रहा है। वहीं स्थिर संग्यक कुंभ लग्न दोपहर 1.40 बजे से 3.09 बजे तक, स्थिर संग्यक बृष लग्न शाम 6.11 बजे से 8.07बजे तक, स्थिर संग्यक सिंह लग्न मध्य रात्रि 12.42 से 2.59बजे तक बन रहा है।
इस खास मुहूर्त में करें लक्ष्मी पूजन

पंडित शिव प्रकाश दाधीच बताते हैं कि स्थिर संग्यक लग्न के साथ-साथ प्रदोष कालिक मुहूर्त शाम 5.37 बजे से लेकर रात्रि आठ बजे तक है। लक्ष्मी पूजन के लिए यह समय सबसे ज्यादा शुभ है। मां लक्ष्मी को गन्ना और जल जनित फल जैसे सिंघाड़ा आदि बेहद पसंद हैं। इसलिए इनका भोग जरूर लगाएं। इसके साथ ही मां लक्ष्मी को केसर युक्त खीर भी बेहद प्रिय है। मां लक्ष्मी की विशेष कृपा के लिए इसका भी भोग लगाना न भूलें।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो