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भगवान को पकड़ने घर में घुसी पुलिस तो भगवान हुए Underground, प्रदेश में 67 तो हाडौती में 5 गिरफ्तार

पुलिस ने डॉक्टरों की गिरफ्तारी शुरू कर दी है। प्रदेश भर में 67 गिरफ्तारियां हुई। हाडौती में 5 गिरफ्तार।

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कोटा

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abhishek jain

Dec 17, 2017

Hospital

सेवारत चिकित्सकों की विभ्न्नि मांगो को लेकर सामूहिक अवकाश के चलते चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई है। इसके चलते पुलिस ने डॉक्टरों की गिरफ्तारी शुरू कर दी है। प्रदेश भर में 67 गिरफ्तारियां हुई जिसमें से हाडौती में 5 गिफ्तारियां हुई है। जिसमें कोटा से 2, बूंदी से 2 व झालावाड़ जिले से 1 डॉक्टर गिरफ्तार हुआ।

कोटा. सेवारत चिकित्सकों के सामूहिक अवकाश पर जाने की घोषणा से पहले कोटा में भी डॉक्टरों की गिरफ्तारी शुरू हो गई है। कोटा में दो डॉक्टर गिरफ्तार कर जमानत पर छोड़े गए, जबकि दो को बॉण्ड भरवाकर छोड़ा गया। वहीं संघ के प्रदेश महासचिव समेत कई डॉक्टरों के घरों पर भी देर रात को दबिश दी गई।
सूत्रों के अनुसार डॉ.मनीष बोरा को बोरखेड़ा पुलिस ने शुक्रवार देर रात को गिरफ्तार किया था। इन्हें शनिवार को एडीएम के समक्ष पेश कर जमानत पर छोड़ा गया। इसी तरह अयाना में डॉ. दुर्गेश विश्वास को भी गिरफ्तार कर जमानत पर छोड़ा। डॉ. कुलदीप राणा व डॉ. आर.एस. मालव को पुलिस ने पकड़ा था लेकिन उनसे काम पर लौटने का बॉण्ड भरवाकर छोड़ दिया।

ऐसे घुसे जैसे हम अपराधीे
सेवारत चिकित्सक संघ के प्रदेश महासचिव डॉ. दुर्गाशंकर सैनी ने बताया कि रामपुरा कोतवाली पुलिस ने शुक्रवार रात को उनके घर पर दबिश दी।
दस से अधिक पुलिस वाले उनके घर में घुसे और सभी कमरों में सोते हुए परिजनों को चेक किया जबकि घर में महिलाएं भी सो रही थी। पुलिसकर्मियों के साथ कोई भी महिला कांस्टेबल नहीं थी। सैनी ने आरोप लगाया कि पुलिस वाले उनके घर में ऐसे घुसे जैसे हम अपराधी हों। इसी तरह पुलिस ने डॉ. दीपेन्द्र शर्मा व डॉ. सुधीर उपाध्याय समेत कई अन्य डॉक्टरों के घर भी देर रात को दबिश दी।

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अस्पतालों में नहीं मिले चिकित्सक, दो दिन पहले शुरू हो गया आंदोलन
बूंदी. जिला अस्पताल के ऑन ड्यूटी चिकित्सकों को शुक्रवार को पुलिस के गिरफ्तार करने से नाराज जिलेभर के चिकित्सकों ने शनिवार से सामूहिक अवकाश ले लिया। सरकार की दमनकारी नीति के विरोध में सभी चिकित्सक लामबंद हो गए। जिलेभर के चिकित्सक घरों को छोड़कर गायब हो गए। इससे अस्पताल में रोगियों को संभालने वाला कोई नहीं रहा। एकाएक चिकित्सकों के गायब होने से अस्पताल की व्यवस्थाएं बिगड़ गई। वहीं पुलिस ने चिकित्सकों की धरपकड़ के लिए उनके घरों पर छापे मारे।
जानकारी के अनुसार शुक्रवार रात को सरकार के इशारे पर कोतवाली थाना पुलिस ने अस्पताल की कॉल ड्यूटी पर कार्यरत अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ जिलाध्यक्ष डॉ.कल्प शांडिल्य को उनके घर से गिरफ्तार कर लिया।

इसके साथ ही ट्रोमा में घायल रोगी को कॉल पर देखकर घर लौटते समय रास्ते में अस्थि रोग चिकित्सक डॉ.उदेश शर्मा को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। दोनों चिकित्सकों को शांतिभंग करने की संभावना के चलते गिरफ्तार किया। शनिवार को दोनों को उपखंड मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया, जहां दोनों चिकित्सकों से दो-दो लाख रुपए की तस्दीकशुदा जमानत मांगी। तत्काल जमानती नहीं मिलने के कारण दोनों को जेल भेज दिया गया। जानकार सूत्रों ने बताया कि चिकित्सकों की 18 दिसम्बर से हड़ताल प्रस्तावित थी। इससे पहले ही चिकित्सकों की गिरफ्तारी शुरू कर दी गई।

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जेल में अनशन
डॉ.शांडिल्य व डॉ. उदेश शर्मा ने जेल पहुंचते ही अनशन शुरू कर दिया। उन्होंने भोजन नहीं लिया। चिकित्सक संघ के डॉ. अनिल जांगिड़ ने बताया कि शुक्रवार रात को दोनों चिकित्सकों को गिरफ्तार कर लिया था, तब से दोनों ने कुछ नहीं खाया। ऐसे में चिकित्सकों के साथ होने वाली अनहोनी के लिए सरकार जिम्मेदार होगी। आईएमए अध्यक्ष डॉ.बी.एल. चौबीसा ने चिकित्सकों की गिरफ्तारी व जेल भेजने की घटना की निंदा की।

...तो देंगे गिरफ्तारी
बूंदी अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ प्रवक्ता डॉ.महेंद्र चौहान का कहना है कि पुलिस ने डॉ.रघुवीर मीणा व डॉ.दिवाकर जैन के घर में घुसकर ताले तोड़े व परिजनों के साथ अभद्रता की। यदि कार्रवाई जारी रही तो सोमवार को चिकित्सक सामूहिक गिरफ्तारी देंगे।

चिकित्सक गिरफ्तार, स्टाफ भी थाने में
झालावाड़/बकानी. सीएचसी में सेवारत चिकित्सकों की हड़ताल के चलते शनिवार को ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर मृत्युंजय मण्डल को गिरफ्तार कर लिया। थाना प्रभारी सीआई उमेश मेनारिया ने बताया कि चिकित्सा व्यवस्था सुचारू बनी रहे इसको लेकर मण्डल को गिरफ्तार किया। इनको उपखण्ड अधिकारी झालावाड़ के समक्ष पेश किया। जैसे की ब्लॉक चिकित्या अधिकारी की गिरफ्तारी की सूचना अस्पताल स्टॉफ को मिली तो सभी थाने में पहुंचे गए।

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सेवारत डॉक्टरों के सामूहिक अवकाश पर जाने से पहले

2 दिन, 67 गिरफ्तार, हड़ताल पर डॉक्टर
जयपुर . प्रदेश में मरीजों की जान फिर सांसत में आ गई है। गिरफ्तारियां होने से नाराज सेवारत डॉक्टर 18 दिसम्बर से घोषित सामूहिक अवकाश से पहले ही हड़ताल पर उतर गए हैं। इस बीच रेस्मा की अवधि बढ़ा चुकी सरकार ने शुक्रवार के बाद शनिवार को भी डॉक्टरों की धरपकड़ की। दो दिन में 67 डॉक्टरों को गिरफ्तार किया गया। कहीं गिरफ्तारी से बचने के लिए डॉक्टर दौड़ते-भागते रहे, इस दौरान अस्पतालों में मरीज परेशान होते रहे। मांगें पूरी नहीं होने और चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ के बयानों से खफा डॉक्टरों ने 18 दिसम्बर से सामूहिक अवकाश की घोषणा की थी।
2 दिन...
इस पर सरकार ने रेस्मा की अवधि बढ़ाकर शुक्रवार को डॉक्टरों को गिरफ्तार करना शुरू कर दिया। शुक्रवार को अचानक 20 डॉक्टरों की गिरफ्तारी से प्रदेशभर में मची अफरा-तफरी के बाद गुस्साए डॉक्टर शनिवार से हड़ताल पर चले गए।

उधर जश्न मनाते रहे चिकित्सा मंत्री
मरीज डॉक्टरों के लिए तरसते रहे, डॉक्टर पुलिस से बचने के लिए छुपते रहे और चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ शनिवार को भरतपुर में सरकार के 4 साल का जश्न मनाते रहे।

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अगुवाई करने वाले डॉक्टर भूमिगत
जोधपुर और जयपुर सहित अधिकांश जिलों में चिकित्सकों के नेता भूमिगत हो गए। शेरगढ़ बीसीएमओ व अरिसदा समन्वयक डॉ. जोगेश्वर प्रसाद को गिरफ्तारी के बाद न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया।
शुक्रवार रात गिरफ्तार कुचामनसिटी अस्पताल के पीएमओ को शनिवार को जमानत पर छोड़ दिया गया। अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ अजमेर शाखा के अध्यक्ष डॉ. प्रदीप जयसिंघानी को जयपुर आते समय टोल नाके पर पुलिस ने गिरफ्तार करा लिया। इधर जोधपुर मेडिकल कॉलेज से 3 डॉक्टर टोंक के सआदत अस्पताल में लगाए गए हैं।

आईएमए ने दी आंदोलन की चेतावनी
सरकार की कार्रवाई का इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने विरोध किया है। आईएमए के प्रदेशाध्यक्ष डॉ महेश शर्मा ने कहा कि जो चिकित्सक ड्यूटी पर हैं उन्हें भी थाने ले जाकर परेशान किया जा रहा है।
कोई डॉक्टर कोर्ट एविडेंस के लिए जा रहा है उन्हें भी बक्शा नहीं जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार डॉक्टर्स की गिरप्तारी के आदेश जल्द से जल्द वापिस नहीं लेती और चिकित्सको के साथ हुए समझौते का क्रियान्वयन नहीं करती तो आईएम्मए को मजबूरन इस आंदोलन में शामिल होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि प्रजातंत्र मे दमनकारी कार्यवाही का कोई स्थान नहीं है।

सख्ती की, वैकल्पिक इंतजाम भूली सरकार
डॉक्टरों की लगातार चेतावनी के बावजूद सरकार ने वैकल्पिक इंतजाम नहीं किए। उलटे अचानक गिरफ्तारियां शुरू कर दी। सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों, निजी अस्पतालों से व्यवस्थाओं में सहयोग की अपील जरूर की गई लेकिन उसका भी कोई असर नजर नहीं आया।

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समर्थन में रेजीडेंट्स
इधर, सेवारत डॉक्टरों के समर्थन में रेजीडेंट डॉक्टरों ने प्रदेशभर में सोमवार से हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। मरीजों की मुसीबत बढ़ सकती हैं।
जमानत क्र01 करोड़
भरतपुर में शुक्रवार रात गिरफ्तार तीन चिकित्सकों से कोर्ट ने एक करोड़ एक लाख की हैसियत और दो सरकारी कार्मिकों की जमानत देने को कहा। नहीं देने पर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया।

इधर सराफ ने कहा, नहीं झुकेंगे हम
कोटा. मेडिकल कॉलेज रजत जयंती समारोह में शनिवार को रेजीडेंट्स डॉक्टरों ने चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ को घेर लिया। मंत्री को पुलिस सुरक्षा में बाहर निकाला। मंत्री ने मांगों पर अनसुना कर दिया तो रेजीडेंट्स खफा हो गए, नारेबाजी करने लगे। मंत्री आगे-आगे और रेजीडेंट्स पीछे-पीछे नारे लगाते चले। इस दौरान मीडिया से बातचीत में सराफ ने कहा कि सेवारत चिकित्सक काम नहीं करना चाहते हैं, उनकी सभी मांगों को हमने मान लिया, ऑर्डर निकल गए, लेकिन चिकित्सक हठधर्मिता पर हैं।
हड़ताल कर सरकार के घुटने टिकवाना चाहते हैं, यह संभव नहीं है। यदि वे आंदोलन करते हैं तो इसे सख्ती से निपटा जाएगा। सरकार सेवारत चिकित्सकों के आगे नहीं झुकेगी। जब तक चिकित्सक हड़ताल को विड्रोल नहीं करते, उनसे कोई वार्ता नहीं करेंगे।

हड़ताल चाहते हैं मंत्री
अध्यक्ष रेजीडेंट्स एसोसिएशन कोटा राजमल मीणा का कहना है कि सरकार ने 1 दिसम्बर से सातवें वेतनमान के अनुसार वेतन नहीं दिया गया। चिकित्सकों के खिलाफ दमनकारी नीति अपना रही। इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। मंत्री अपने हड़ताल करवाना चाहते हैं, जल्द बैठक कर रणनीति बनाएंगे।