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रेलवे को मिला आसमानी पहरेदार, ड्रोन करेगा रेलवे स्टेशन, पुल, यार्ड और मुसाफिरों की चौकीदारी

कोटा रेल मंडल ने यात्रियों, ट्रेक, ब्रिज और यार्ड की सुरक्षा में सबसे पहले ड्रोन की तैनाती कर रेलवे में हाईटेक सिक्योरिटी के रास्ते खोल दिए हैं।

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Drone deployed in railway security

कभी टूटती पटरियां तो कभी गिरते पुल... किसी स्टेशन पर भीड़ का रेला तो किसी स्टेशन के यार्ड में सेंध लगाते चोर... कहीं रेलवे फाटक खुले रह जाते हैं तो कहीं रेलवे ट्रेक को क्षतिग्रस्त करने की कोशिश होती है... ऐसी ही तमाम वजहों से आए दिन भारतीय रेल हादसों का शिकार होती है, लेकिन अब ये सब बीते जमाने की बातें होंगी। रेलवे ने रेलवे स्टेशन, रेलवे ब्रिज, यार्ड और मुसाफिरों की सुरक्षा के लिए हाईटेक चौकीदार ड्रोन की तैनाती शुरू कर दी है। ये चौकीदार 24 घंटे और हर मौसम में रेलवे की सुरक्षा के लिए तैनात रहेगा।

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कोटा में ड्रोन से होती है चंबल ब्रिज की निगरानी

पश्चिम मध्य रेलवे का कोटा रेल मंडल पिछले कुछ दिनों से ट्रेन संचालन को सुगम बनाने और रेल संपत्ति एवं यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल कर रहा है। कोटा रेल मंडल में कोटा जंक्शन के पास चंबल ब्रिज और डकानिया तलाब रेल यार्ड की निगरानी के लिए ड्रोन कैमरों का उपयोग किया गया है। जिसके नतीजे बेहद कारगर साबित हुए। जिसके बाद रेलवे बोर्ड ने देश के सभी 17 रेल जोनों में ड्रोन कैमरों से सुरक्षा और निगरानी करने का फैसला लिया है।

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रेल मंत्रालय ने जारी किया आदेश

पश्चिम मध्य रेलवे के मुख्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा के लिहाज से अब भारतीय रेलवे राहत एवं बचाव अभियान, ट्रेक निरीक्षण समेत विभिन्न मॉनिटरिंग के कामों के लिए ड्रोन कैमरों की तैनाती करेगा। नॉन-इंटरलॉकिंग कार्य की तैयारी, भीड़ प्रबंधन, स्क्रैप की पहचान और स्टेशन यार्ड के हवाई सर्वेक्षण के लिए भी ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा। कोटा रेल मंडल में ड्रोन के सफल इस्तेमाल के बाद रेल मंत्रालय ने सभी जोनल रेलवे को ड्रोन से निगरानी को लेकर पत्र लिखा है।

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रेलवे बढ़ाएगा आसमानी चौकीदारी

ड्रोन कैमरों की उपयोगिता को देखते हुए रेल मंत्रालय ने ड्रोन के इस्तेमाल के लिए व्यापक कार्यक्रम बनाया है, ताकि कम समय में रेल सम्पत्तियों और परियोजनाओं की निगरानी की जा सके। जीआईएस प्लेटफार्म पर रेलवे ड्रोन के जरिए एरियल मैपिंग और वीडियोग्राफी कराएगा। इसके साथ ही रेलवे यात्रियो की सुरक्षा, निर्माण कार्यो की निगरानी और किसी भी वीआईपी के आगमन पर भी ड्रोन कैमरों की मदद से पैनी नज़र रख सकेगा। इतना ही नहीं रेल ट्रैक कहीं टूटा तो नहीं है, यात्रियों की भारी भीड़ मे कहीं किसी को कोई खतरा को पैदा नही हो गया है, इन तामाम सुरक्षा मसलों को भी रेलवे का आसमानी चौकीदार निपटाएगा। यहां तक कि रेल दुर्घटना के समय जल्दी राहत पहुंचाने और त्वरित कार्रवाई में रेलवे को ड्रोन से मदद मिलेगी।