
Kota Dussehra 2024: राष्ट्रीय मेला दशहरा 2024 में विजयादशमी पर शनिवार को होने वाले रावण दहन से पहले दशानन के कुनबे के पुतले खड़े करने का काम शुक्रवार दिनभर जारी रहा। रात करीब साढ़े नौ बजे क्रेन से जब रावण का पुतला खड़ा किया जा रहा था, तब क्रेन का बेल्ट और रस्सा टूटने से 20 से 25 फीट की ऊंचाई से रावण का पुतला धड़ाम से पेड़े पर गिर गया।
इससे सिर का पिछला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। हालांकि किसी तरह की जनहानि नहीं हुई, लेकिन पुतला खड़ा करने में लापरवाही बरती गई। इस दौरान हड़कम्प मच गया। पुतला गिरने की संभवत: यह पहली घटना है। देर रात पुतले को दुरुस्त करने का काम शुरू कर दिया गया।
पुतला खड़ा करने के दौरान बड़ी संख्या में लोग आसपास जमे हुए थे और मोबाइल पर वीडियो और फोटो खींच रहे थे। रावण का पुतला गिरने की घटना भी मोबाइल में कैद हो गई, जो देर रात सोशल मीडिया पर जबर्दस्त वायरल होती रही। उधर, पुतला गिरने की खबर शहर में फैलते ही बड़ी संख्या में लोग दशहरा मैदान के विजयश्री रंगमंच पहुंचने लगे।
पुलिस ने विजयश्री रंगमंच के आसपास का क्षेत्र खाली करवा दिया और लोगों को दूर कर दिया। रावण के पुतले पर कंकड़ मारने की रस्म के लिए हर बार लोग पहुंचते हैं। पुलिस का विशेष जाप्ता तैनात किया गया। मौसम विभाग की भविष्यवाणी को देखते हुए रावण, कुंभकर्ण व मेघनाद के पुतलों को बारिश से बचाने के भी इंतजाम किए गए हैं। इस बार रावण दहन ग्रीन पटाखों से इको फ्रैंडली तरीके से किया जाएगा।
घटना के समय मौजूद नगर निगम के अधिशासी अभियंता एक्यू कुरैशी ने बताया कि पुतला खड़ा किया जा रहा था, उससे कुछ दूर ही टीम के साथ खड़े थे। मेघनाद और कुम्भकर्ण के पुतले सही तरीके से खड़े हो गए थे। रुक-रुक कर हल्की बूंदाबांदी हो रही थी, इस कारण चिंतित थे। आंखें बार-बार आसमान की ओर जा रही थी।
रात 9:30 बजे क्रेन से रावण का पुतला खड़ा किया जा रहा था, तभी अचानक क्रेन का पत्ता टूट गया। एक पल में 20-25 फीट की ऊंचाई से रावण का पुतला धड़ाम से गिर गया। पुतले का ढांचा बांस से बनाया गया था, कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। इसके बाद श्रमिक पुन: मरम्मत में जुट गए। रावण की पोशाक भी फट गई। उसे भी ठीक किया जा रहा है। दूसरी क्रेन मंगवा ली है। कुरैशी ने दावा किया पांच-छह घ्ंटे में पुतले को सही कर दिया जाएगा। उसके बाद पुतला खड़ा किया जाएगा।
कोल्ड पायरो तकनीक : रावण का पुतला इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पर काम करेगा। आतिशबाजी का कंट्रोल आधुनिक ऑटोमाइजेशन सिस्टम कोल्ड पायरो तकनीक से किया जाएगा। रिमोट से दूर से ही रावण के पुतले के अलग-अलग अंगों में आतिशबाजी नियंत्रित की जाएगी। अधिशासी अभियंता कुरैशी ने दावा किया पुतला गिरने से ग्रीन पटाखों से इको फैंडली आतिशबाजी पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
3-डी इफैक्ट : पुतले का 3-डी आकार उभरकर आएगा। पुतले के सिर में अलग-अलग फूटते पटाखे नजर आएंगे और रावण की तलवार लहराती हुई दिखेगी। रावण के अमृत कलश में चक्र भी 3-डी इफैक्ट के साथ चलता हुआ दिखेगा। दांत और नाभि में लगी मोटर से रावण दहन के दौरान खूब मनोरंजन होगा।
लंका दहन में आतिशी नजारे : रावण दहन के बाद होने वाले लंका दहन में भी आतिशी नजारे होंगे। आसमान में स्वर्णिम और रंग-बिरंगी अशर्फियां सबको रोमांचित करेंगी। गोल्डन शॉट से सोने की लंका के जलने का दृश्य प्रस्तुत किया जाएगा।
मेला परिसर स्थित विजयश्री रंगमंच पर परंपरागत तरीके से रावण दहन किया जाएगा। इसके लिए परंपरा अनुसार भगवान लक्ष्मीनारायणजी की सवारी गढ़ पैलेस से शाम 6 बजे रवाना होगी। दशहरा मैदान पर रियासतकालीन परंपरा के अनुसार ज्वारा पूजन और सीतामाता के पाने का पूजन किया जाएगा। इसके बाद निर्धारित मुहूर्त अनुसार रात 7.01 बजे से 7.31 बजे के बीच रावण दहन किया जाएगा।
Published on:
12 Oct 2024 08:44 am
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