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मध्यप्रदेश के बाद अब हाड़ौती के किसानों ने मांगा कोटा से पानी

कोटा. बारिश का दौर थमने से फसल को बचाने के लिए हाड़ौती के किसानों द्वारा नहरी पानी की मांग की जा रही है।

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कोटा

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abhishek jain

Sep 11, 2017

Farmers of Haroti Ask for Water from Kota

कोटा. बारिश का दौर थमने से फसल को बचाने के लिए हाड़ौती के किसानों द्वारा नहरी पानी की मांग की जा रही है।

कोटा . जल संसाधन विभाग ने मध्यप्रदेश के लिए दाईं मुख्य नहर में छोड़ा गया पानी बंद कर दिया है। वहीं हाड़ौती में बारिश का दौर थमने, तेज गर्मी व उमस के असर के चलते पछेती की सोयाबीन, उड़द के पौधे सूखने लगे हैं। टेल क्षेत्र के किसान नहरी पानी की मांग को लेकर जनप्रतिनिधियों से वार्ता करने लगे हैं।

जल संसाधन विभाग कोटा खंड के मुख्य अभियंता राकेश कौशल ने बताया कि मध्यप्रदेश जल संसाधन विभाग ने 4000 क्यूसेक नहरी पानी की मांग की थी। इसकी एवज में प्रदेश सरकार ने पांच दिन तक 3000 क्यूसेक नहरी पानी छोडऩे के आदेश दिए थे।

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पांच दिन दाईं मुख्य नहर में पार्वती एक्वाडक्ट पर 3000 क्यूसेक नहरी पानी मध्यप्रदेश के लिए पहुंचाने के बाद नहर में जल प्रवाह बंद कर दिया गया, वहीं दाईं मुख्य नहर में बूंदी डिस्ट्रीब्यूटरी में 400 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।

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हमें भी चाहिए पानी
बारिश थमने के बाद पछेती की सूखती खरीफ फसल को बचाने के लिए हाड़ौती के किसानों द्वारा नहरी पानी की मांग की जा रही है। हाड़ौती किसान यूनियन के संयोजक कुंदन चीता, किशनपुरा जल उपयोक्ता संगम समिति के अध्यक्ष अब्दुल हमीद गौड़ ने बताया कि सोयाबीन व उड़द की पछेती फसल इन दिनों खड़ी है। अभी फलियां बनने का समय है।

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अगर फसल को पानी नहीं मिला तो पौधों में फलियां बनना बंद हो जाएगी। दाने नहीं बन पाएंगे। गर्मी, उमस के चलते कीट प्रकोप का असर और बढ़ेगा। बढ़वार थम जाएगी। किसान प्रतिनिधियों ने मांग की है कि मध्यप्रदेश की भांति हाड़ौती के किसानों के लिए भी नहरी पानी छोड़ा जाए।