
विक्रम और इनसेट में किशोरों के फाइल फोटो: पत्रिका
Teenager Drowns In Parvati River: मध्यप्रदेश सीमा के नजदीक जिले के खातौली क्षेत्र के बालूपा गांव से सटे छुआरी धाम घूमने गए सात किशोर में से चार दोस्त सोमवार को नहाने के दौरान तेज बहाव में बह गए। इनमें से एक किशोर का शव मिल गया वहीं तीन जनों की तलाश जारी है। ये सभी खातौली के रहने वाले हैं।
सोमवार दोपहर करीब साढ़े 12 बजे सात किशोर छुआरी धाम घूमने पहुंचे। वहां सभी नदी में नहाने लगे। इस दौरान एक किशोर अशफाक (17) पानी में डूबने लगा तो अन्य दोस्तों ने उसे बचाने का प्रयास किया। इस प्रयास में एक-एक कर तीन अन्य किशोर सोनू सुमन (17), मोहित सुमन (18) और आयुष गुर्जर (16) भी बह गए। नदी में गहराई से थोड़े दूर होने की वजह से अभिषेक योगी और धर्मराज योगी और किनारे बैठा विक्रम सुमन बच गए।
घटना की जानकारी पर मौके पर मौजूद लोगों व बालूपा से आए ग्रामीणों ने बहे चार लड़कों की तलाश शुरू की तो आयुष गुर्जर का शव नदी में मिला। आयुष मूलत: निकटवर्ती बेजपुर गांव का रहने वाला है। खातौली में अपने मामा के पास रहकर 11वीं में पढ़ रहा था। ग्रामीणों ने बताया कि वह तैरना भी जानता था, फिर भी बह गया।
सूचना पर इटावा उपखंड अधिकारी हेमंत घनघोर, तहसीलदार खातौली भंवर सिंह, कानूनगो हर गोविंद सिंह, बालूपा सरपंच लोकेंद्र सिंह हाड़ा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कोटा ग्रामीण रामकल्याण मीणा, इटावा पुलिस उपाधीक्षक शिवम जोशी सहित पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। दोपहर बाद इटावा निवासी हयात खान उर्फ टाइगर अपनी कश्ती के साथ मौके पर पहुंचे तथा अन्य किशोरों की तलाश शुरू की।
शाम को एसडीआरएफ टीम ने भी रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। रात को अंधेरा हाेने के कारण रेस्क्यू टीम ने सर्च अभियान बंद कर दिया। अब मंगलवार सुबह तलाश शुरू होगी।
12 साल के विक्रम ने बताया कि हम सब हंसते-खेलते छुआरी धाम आए थे। सबसे छोटा मैं ही था। मैं नहाने नदी में नहीं उतरा। बाकी सब नहा रहे थे कि अचानक अशफाक पानी के तेज बहाव में बहने लगा। सोनू्, मोहित और आयुष भी उसके पास ही नहा रहे थे।
तीनों ने एक-एक कर बह रहे अशफाक को पकड़ने की कोशिश की लेकिन वह डूबता चला गया। मैं नदी किनारे बैठा था। हम सब सहम गए। तीनों ने उसे बचाने का भरसक प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हुए और खुद भी बहने लगे। तभी मैंने पकड़ कर जैसे-तैसे अभिषेक और धर्मराज को नदी से बाहर खींचा। …लेकिन अफसोस की बाकी साथियों को नहीं बचा सका। वे मेरी आंखों के सामने नदी में बहते चले गए।
Updated on:
23 Sept 2025 08:11 am
Published on:
23 Sept 2025 08:10 am
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