
रावतभाटा. पुलिस के कड़े पहरे के बीच मालखाने से लाखों का सोना गायब हो गया है। यह मामला सामने आते ही पुलिस महकमे में हड़कम्प मच गया है। एक प्रकरण में जब्त किया गया सोना जिसे तत्कालीन डीएसपी ने 13 साल पहले भैसरोडगढ़़ पुलिस थाने में जमा कराया था।
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रावतभाटा में एसीजेएम न्यायालय द्वारा थाने से मंगवाकर उसकी तुलाई कराने पर जमा कराए गए सोने में से 36.500 ग्राम यानि साढ़े तीन तौला सोना (जिसकी वर्तमान कीमत 1 लाख 14 हजार 865 रुपए) है, गायब होने के रहस्य का खुलासा हुआ है। मामले में पीडि़त ने शुक्रवार को चित्तौडगढ़़ एसपी को शिकायत भेजकर मालखाने से उसके जब्त सोने को गायब करने वाले दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की गुहार की है।
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कार्रवाई को लेकर एसपी से शिकायत
नलीखेड़ा निवासी लादूलाल गुर्जर ने 23 फरवरी को चित्तौडगढ़़ पुलिस अधीक्षक को शिकायत भेजकर बताया कि उसके नलीखेड़ा गांव में स्थित खेत में नर्सरी कार्य के दौरान खुदाई में 25 नवम्बर 2005 को मिले 136.500 ग्राम यानि साढ़े 13 तौला सोने को तत्कालीन डीएसपी प्रेमचंद कुर्रिया ने जब्त कर भैंसरोडगढ़़ पुलिस थाने के तत्कालीन थानाधिकारी गजेन्द्र सिंह को फर्द रिपोर्ट बनाकर सौंपा था। जिसे थाने में मालखाने के तत्कालीन इंचार्ज जगदीश चंद्र को थानाधिकारी ने जमा करने के लिए दिया था।
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30 हजार घूस लेने पर एसएचओ निलंबित
खेत में दबा सोना मिलने की सूचना पर भैंसरोडगढ़़ थाने के तत्कालीन थानाधिकारी हीरालाल मीणा वहां पहुंचे। उन्होंने ढाई सौ ग्राम सोना जब्त कर लौटाने की एवज में 30 हजार रुपए रिश्वत मांगी।
पीडि़त ने राशि दे दी, लेकिन थानाधिकारी ने सोना नहीं लौटाया। बाद में पीडि़त लादूलाल गुर्जर ने इसकी शिकायत एसपी से की। एसपी ने तत्कालीन डीएसपी प्रेमचंद कुर्रिया से मामले की जांच कराई। जांच में एसएचओ के 30 हजार की घूस लेना स्वीकारने पर उन्हें निलंबित कर दिया। डीएसपी ने फर्द बनाकर थाने के मालखाने में 136. 500 ग्राम यानि साढ़े 13 तौला सोना जमा करा दिया।
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ये है मामला
गौरतलब है कि नलीखेड़ा गांव में लादूलाल गुर्जर के खेत में नर्सरी बनाते समय खुदाई का काम कर रहे मजदूर नेमीचंद भील व उसकी भाभी गीता को कुल्हड़ में रखे गए सोने की ढाई सौ ग्राम वजनी ईंट 25 नवम्बर 2005 को मिली। जिसे छिपाकर नेमीचंद ने अपने पास रख लिया। श्रमिक गीता ने इसकी जानकारी लादूलाल व उसके पिता को दे दी। नेमीचंद से पूछने पर उसने उसे ले जाना कबूल कर किया। बाद में उसने सौ ग्राम सोने के दो टुकड़े करवाकर पीडि़त लादूलाल गुर्जर व उसके पिता को दे दिए। डेढ़ सौ ग्राम सोना देने से मना कर उसने अपने पास रख लिया।
Published on:
27 Feb 2018 07:50 pm
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