बारां. यहां रेलवे स्टेशन पर गुरुवार शाम करीब पौने पांच बजे रूठियाई से कोटा की ओर जा रही सेना की ओडीसी स्पेशल ट्रेन ( Army Special Train ) के एक वैगन के चार पहिए पटरी से उतर गए। ( Train Accident ) इस ट्रेन के अधिकांश वैगन चार नम्बर लाइन के यार्ड पर आ गए थे। ( Indian Army ) ट्रेन के तीन वैगन झालावाड़ रोड रेलवे फाटक नम्बर 38 के दूसरी ओर रह गए। इससे रेलवे फाटक बंद रहा और दोनों ओर वाहनों की लम्बी कतार लग गई। ( Train wheels got off track ) वहीं शाम करीब सवा पांच बजे यहां पहुंचने वाली बीना-कोटा पैंसंजर ( Bina- Kota Passenger Train ) ट्रेन को छजावा में रोकना पड़ा। रात करीब सवा आठ बजे पैसेंजर बारां से रवाना हुई।
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ओडीसी ट्रेन के पीछे ही बीना-कोटा पैसंजर ट्रेन रूठियाई की ओर से बारां आ रही थी। शाम करीब 4:40 बजे बारां में हादसा हुआ। उस समय पैसंजर ट्रेन छजावा रेलवे स्टेशन पर पहुंच चुकी थी। हादसे के बाद इसे छजावा रेलवे स्टेशन पर ही रोकना पड़ा। इस दौरान करीब तीन घंटे तक पैसंजर ट्रेन छजावा रेलवे स्टेशन पर खड़ी रही। इससे ट्रेन में सवार यात्रियों तथा यहां बारां रेलवे स्टेशन पर इस ट्रेन का इंतजार क रहे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

यह है संभावित कारण
रेलवे सूत्रों का कहना है कि आम तौर पर ओडीसी स्पेशल ट्रेन को यहां चार नम्बर लाइन से निकाला जाता है। चार नम्बर लाइन पर दस किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार रहती है। चार नम्बर लाइन के 112 नम्बर प्वाइंट के समीय यह घटना हुई है, जहां ज्यादा घूम है। घुमाव पर ट्रेन की गति निर्धारित से कुछ अधिक होने तथा प्वाइंट व पटरी में कुछ गड़बड़ी होने के कारण पहिए पटरी से उतरने की संभावना जताई जा रही है। इसके अलावा वैगन व उसके पहियों में ही अचानक कोई तकनीकी व्यवधान आ जाने से भी हादसा होने की आशंका है। ट्रेन में सवार सैनिक सागर (मप्र) से पोकरण जा रहे थे।
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जाम में फंसे रहे, फिर बदला रास्ता
शाम करीब साढ़े चार बजे ओडीसी स्पेशल ट्रेन के बारां पहुंचने पर झालावाड़ रोड रेलवे फाटक 38 को बंद किया हुआ था। दोनों ओर वाहनों की लाइन लगी हुई थी। फाटक खुलने से पहले ही घटना हो गई। कुछ देर तक तो फाटक खुलने का इंतजार कर रहे वाहन खड़े रहे, बाद में घटना का पता लगने पर कुछ दुपहिया वाहन चालक फाटक के अनाधिकृत अडंर पास से निकले, लेकिन एक साथ दोनों ओर से वाहनों की आवाजाही शुरू होने से कई वाहन फंस गए। वाहन चालकों को खासी असुविधा का सामना करना पड़ा। बाद में वाहन चालकों को रास्ता बदलकर जाना पड़ा। करीब साढ़े सात बजे वैगन अलग कर फाटक खोली गई। इसके बाद आवागमन सुचारू हुआ। इससे पहले करीब पौने आठ बजे कोटा से दुर्घटना राहत ट्रेन पहुंची और सवा आठ बजे पहियों को ट्रेक पर रखा।
