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किशोरी ने होश में आने के बाद बताया कि वह पैदल जा रही थी। तभी एक कार में महिला समेत कुछ लोगों ने उसे जबरन बैठा लिया, नशीला पानी पिलाया, इससे वह बेहोश हो गई। वहीं पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता लगा कि आरकेपुरम स्थित एक निजी हॉस्पिटल में पीडि़ता की बड़ी बहन काम करती थी।
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चिकित्सालय के बाहर एक महिला ने किशोरी को खड़े देखा और इसके बाद वह तबीयत खराब हो गई और वह सड़क किनारे बेहोश होकर गिर गई। इस पर महिला ने उसे संभाला तथा चिकित्सालय के बाहर खड़े लोगों को बुलवाकर उसे भर्ती करवाया। जहां चिकित्सालय के चिकित्सक व स्टॉफ ने किशोरी को पहचान लिया। इससे पहले भी बालिका का चिकित्सालय में तनाव का उपचार चल चुका है। इसके अलावा उसकी बड़ी बहन के वहां काम करने से चिकित्सक व स्टॉफ उसे जानता है। परिजनों का कहना है कि किशोरी जो कपड़े पहन कर गई थी, वह कपड़े बदले हुए हैं। ऐसे में पुलिस ने घर से निकलकर घर तक पहुंचने की समयसारिणी बनाकर जांच शुरू की। किशोरी बीच में नानी व मौसी के यहां भी गई थी। उसने वहां कितना समय बिताया, इसकी जांच की जा रही है।
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परिजनों की सूचना पर परिवाद लेकर जांच शुरू कर दी। बालिका बेहोश हो गई थी। अब वह होश में है। उसका उपचार चल रहा है। महिला चिकित्सक की प्राथमिक जांच में जबरदस्ती के निशान नहीं हैं। परिजन चाहेंगे तो मामला दर्ज कर लिया जाएगा। खुद पुलिस अधीक्षक मामले का सुपरविजन कर रहे हैं।
राजेश मील, एएसपी, कोटा सिटी