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Video: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छता अभियान की यहां उड़ायी धज्जीयां, देखें वीडियो

देश में स्वच्छता अभियान के तहत लोगों को सफाई के लिए जागरुक किया जा रहा है। वहीं इस बस स्टैंड की दशा सबके विपरीत है।

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कोटा

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abhishek jain

Nov 02, 2017

Poor Condition of Kota Bus Stand

कोटा .

देश में जहां गांव-गांव शहर-शहर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छता अभियान के तहत लोगों को सफाई के लिए जागरुक किया जा रहा है। उन्हें घरों के आसपास सफाई रखने तथा व गंदगी नहीं करने के लिए पाबंद भी कर रहे हैं। साथ ही घरों में शौचालय निर्माण कराने को लेकर प्रोत्साहित किया जा रहा है। यहां तक की गांवों में तो लोगों को जागरुक करने के लिए अधिकारियों को सुबह-सवेर भाग-दौड़ करनी पड़ रही है। लेकिन शहर का हृदयस्थल रहे नयापुरा बस स्टैंड परिसर की दशा इन सबके विपरीत है।

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यहां नहीं हुई वर्षों से सफाई
बस स्टैंड पर आगार प्रबंधन ने वैसे तो दो शौचालय बना रखे हैं, लेकिन इनमें से एक तो पूरी तरह जर्जर हो चुका है और इसके द्वार पर कंटीली झाडिय़ों का पहरा है। अंदर के हालात तो और भी भयानक है। गंदगी और दुर्गंध के कारण वहां खड़े रहना भी मुश्किल है। जिन्हें देखकर लगता है इनकी वर्षों से सफाई नहीं हुई।

जबकि दूसरे शौचालय की बाहरी दीवार जर्जर है, जिसके हरसमय गिरने का डर बना हुआ है। शौचालय के अंदर की दीवारों के हाल भी कुछ ज्यादा अच्छे नहीं है। महिला शौचालय के हालात तो ओर भी बदत्तर है। उनके बाहर तो गेट ही नहीं लगा। यहां बना टेंक बरसों से जर्जर है। जिसके कारण यहां मलबा, गंदगी बाहर फैलती रहती है।

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खुले में लघुशंका मजबूरी

यात्री लादूराम, दिनेश, अरमान आदि ने बताया कि शौचालय में गंदगी फैली हुई है। जिसकी इतनी दुर्गंध आ रही है कि अंदर घुसने की इच्छा नहीं हो रही। ऐसे में क्या करेंं। बस स्टैंड की चारदीवारी के सहारे ही लघु शंका करना मजबूरी है।

सुलभ शौचालय पर वसूला जाता शुल्क
बस स्टैंड पर महिला शौचालय में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं है। यहां बने महिला शौचालय के दरवाजा ही नहीं है। इसके अंदर आवारा मवेशी बैठे रहते हैं। वहीं सफाई नहीं होने से गंदला पानी फर्श पर फैला रहता है। महिलाओं को मजबूरी में पास में बने सुलभ कॉम्पलेक्स में लघुशंका के लिए जाना पड़ता है। जहां पर कॉप्लेक्स संचालक द्वारा पांच रुपए सफाई शुल्क लिया जाता है।

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पांच साल से एक ही दर पर है सफाई ठेका

बस स्टैंड का सफाई ठेका लेने वाले कालूू लाल ने बताया कि पांच साल से सफाई का ठेका एक ही दर पर चल रहा है। 13000 रुपए महीने में पूरे बस स्टैंड परिसर व शौचालयों की सफाई करनी है। जिसमें रोजाना तीन कर्मचारी लगते हैं। आज के जमाने में 4000 रुपए महीने में कौन 24 घंटे सफाई में लगा रहेगा। यह तो पब्लिक पैलेस है। हर एक घंटे में कचरा गंदगी फैल जाता है। क्या 24 घंटे ही झाड़ू लेकर थोड़े ही घूमता रहूंगा।