
कोटा . जिस हॉस्टल में अनियमितता पाई गई, गाइड लाइन फॉलो नहीं की गई और कोचिंग स्टूडेंट को परेशानी हुई तो उस हॉस्टल को सीज कर दिया जाएगा। कोचिंग स्टूडेंट द्वारा आत्महत्या किए जाने व अव्यवस्थित रूप से संचालित हॉस्टल पर अब जिला प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा।
हॉस्टल संचालकों एवं एसोसिएशन की बैठक सोमवार को जिला कलक्टर रोहित गुप्ता की अध्यक्षता में हुई, जिसमें जिला कलक्टर ने कहा कि कोचिंग छात्रों को गुणवत्तापूर्ण भोजन एवं आधारभूत सुविधाओं व सुरक्षा के मापदण्ड पर खरे उतरते हुए सभी हॉस्टल जिला प्रशासन की गाइड लाइन का पालन करें। उन्होंने सभी हॉस्टलों में सीसीटीवी, रहने वाले छात्रों की नियमित उपस्थिति एवं मॉनिटरिंग के निर्देश दिए। अतिरिक्त जिला कलक्टर सुनीता डागा ने कहा कि सभी संचालक 31 जनवरी तक हॉस्टल की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
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24 घंटे अनुपस्थित रहने वाले छात्रों की सूचना पुलिस को दें
जिला कलक्टर ने बैठक में कहा कि हॉस्टल संचालक विद्यार्थी के 24 घंटे तक अनुपस्थित रहने पर इसकी सूचना संबंधित थाने को लिखित में देंगे। हॉस्टल एसोसिएशन प्रति सप्ताह गाइड लाइन की पालना के संबंध में हॉस्टलों द्वारा की जा रही कार्रवाई की सूचना जिला कलक्टर कार्यालय व पुलिस अधीक्षक कार्यालय में भिजवाएंगे। अनुशासनहीन स्टूडेंट के बारे में परिजनों को सूचित करें। साथ ही संबंधित थाने में लिखित शिकायत दें।
स्टाफ का होगा पुलिस वेरिफिकेशन
एसपी शहर अशुंमन भौमिया ने कहा कि हॉस्टल में कार्यरत वार्डन, गार्ड, मैस संचालक, सफाईकर्मी व अन्य स्टाफ का सत्यापन किया जाएगा। स्टाफ का आचरण एवं व्यवहार विद्यार्थियों से अच्छा रहे, इसकी भी पालना हो। बैठक में हॉस्टलों में उपस्थिति के लिए बनाई गई डिवाइस का भी प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर कोटा हॉस्टल एसोसिएशन के नवीन मित्तल, चम्बल हॉस्टल एसोसिएशन के विश्वनाथ शर्मा, अशोक जैन, विशाल पाठक, इलेक्ट्रोनिक कॉम्पलेक्स के कमलदीप सिंह, कोटा हॉस्टल एसोसिएशन के शम्मी कपूर, पंकज जैन सहित कई पदाधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में ये आए सुझाव
जिला प्रशासन गाइड लाइन फॉलो नहीं करने वाले हॉस्टल पर कार्रवाई करें।
हॉस्टल में 4 बार उपस्थिति दर्ज कराई जाए।
हॉस्टल की कैटेगरी निर्धारित
की जाए।
लीज पर हॉस्टल लेने वालों का भी रजिस्टे्रशन होना चाहिए।
रात को औचक हॉस्टल चैक किए जाएं।
रात को खाद्य पदार्थों की सप्लाई चेक करके दी जाए।
जो बच्चे कोचिंग नहीं कर रहे और यहां रह रहे हैं उनकी भी जांच की जाए।
कोचिंग में कार्ड की जगह बायोमेट्रिक से एंट्री की जाए।
पर्याप्त मात्रा में सीसीटीवी
कैमरे लगाए जाएं।
Updated on:
16 Jan 2018 07:02 pm
Published on:
16 Jan 2018 10:08 am
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