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Voluntary Blood Donation Day : रक्तदान में कोटा राजस्थान में पहले नंबर पर

locationकोटाPublished: Oct 01, 2018 08:27:10 pm

Submitted by:

shailendra tiwari

स्वैच्छिक रक्तदान को लेकर पिछले सालों में कोटा जागरूता तेजी से बढ़ी है। इसलिए शहर के सरकारी व निजी रक्तकोषों में 79 फीसदी रक्त स्वैच्छिक रक्तदाताओं की मदद से आता हैं।
 

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Voluntary Blood Donation Day : रक्तदान में कोटा राजस्थान में पहले नंबर पर

कोटा. स्वैच्छिक रक्तदान को लेकर पिछले सालों में कोटा जागरूता तेजी से बढ़ी है। इसलिए शहर के सरकारी व निजी रक्तकोषों में 79 फीसदी रक्त स्वैच्छिक रक्तदाताओं की मदद से आता हैं। शहर के 7 ब्लड बैंकों में पिछले पूरे साल में 63 हजार 539 यूनिट रक्तदान हुआ। इसमें से 48 हजार 935 वॉलेंटरी ब्लड डोनर थे। रक्त संग्रहण के लिए 541 शिविरों का आयोजन हुआ। सहायक निदेशक रक्त सुरक्षा राजस्थान प्रभारी मनीषसिंह चौधरी ने बताया कि स्वैच्छिक रक्तदान में प्रदेश में कोटा के महत्वपूर्ण योगदान है। स्वैच्छिक रक्तदान में कोटा जयपुर से भी आगे है। इस साल प्रदेश के सभी 104 ब्लड बैंकों को ऑनलाइन करने की प्रक्रिया चल रही है। जिससे ब्लड स्टॉक ग्रुप के अनुसार ऑनलाइन देखा जा सकेगा।
बच्चों को साथ ले जा समझा रहे महत्व
शहर में जागरूक रक्तदाता अपने बच्चों को भी इसका महत्व समझा रहे हैं। वे स्वैच्छिक रक्तदान करने बच्चों को साथ लेकर जाते हैं। ताकि उनके बच्चे आगे चलकर रक्तदान से जुड़ जाए। यह मुहिम जनरेशन क्लब के नाम से चल रही है। इस मुहिम की खास बात है कि बच्चों के मन में रक्तदान का भय दूर होने के साथ विश्वास बन सके। मुहिम से जुड़े शाइन इंडिया फाउंडेशन के प्रभारी डॉ. कुलवंत गौड़ बताते है कि बचपन में दिए गए संस्कार जीवन को सफल बनाते है। इस मुहिम से अनुरोध फाउंडेशन के मनीष मूलचंदानी व तरुण गोयल, प्रशांत विजय, ऋषि जैन, डॉ ज्योति चौरसिया, मार्कण्डेय दाधीच, नितिन गौतम, डॉ. राम चौरसिया, मुकेश पांचाल, नकुल जोशी और झालावाड़ की अंजना विजय सहित 30 से ज्यादा लोगों का समूह है।
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किसी का इंतजार पूरा कर सकता है आपका रक्तदान
तमाम सरकारी और गैर सरकारी प्रयासों के बावजूद प्रदेश में स्वैच्छिक रक्तदान का प्रतिशत अभी 75 प्रतिशत तक ही पहुंच पाया है, जबकि जरूरतमंद मरीज और घायल को तत्काल बिना रिप्लेसमेंट रक्त की उपलब्धता के लिए स्वैच्छिक रक्तदान का प्रतिशत 100 होना चाहिए। स्वैच्छिक रक्तदान से तात्पर्य किसी रक्तदान शिविर में जाकर रक्तदान करना है। अभी प्रदेश में सालाना लगने वाले रक्तदान शिविरों की संख्या करीब तीन हजार है। साल 2017 में प्रदेश में 75.52 प्रतिशत रक्त स्वैच्छिक रक्तदान के जरिए मिला। पूरे साल में 5400 शिविर लगे।
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रक्तदान के नियम
हर व्यक्ति साल में चार बार रक्तदान कर सकता है। हर रक्तदान का अंतराल तीन महीने का होना चाहिए । स्वस्थ महिला-पुरुष, जिसकी उम्र 18 से 65 साल के बीच है, वह रक्तदान कर सकता है किसी भ्रम में नहीं रहें रक्तदान से किसी भी तरह की कमजोरी नहीं होती। रक्तदान के 15-20 मिनट बाद ही व्यक्ति सामान्य तरीके से काम कर सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार रक्तदान करना स्वास्थ्यवद्र्धक रहता है।

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