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बरसों से शहर की लाइफलाइन है यह उद्योग लेकिन सरकार का ये कदम ‘मरे हुए को मारने जैसा’ है

locationकोटाPublished: Mar 19, 2019 10:07:07 pm

Submitted by:

Rajesh Tripathi

सरकार से व्यापारियों ने लगाई गुहार

kota news

बरसों से शहर की लाइफलाइन है यह उद्योग लेकिन सरकार का ये कदम ‘मरे हुए को मारने जैसा’ है

कोटा. परिवहन विभाग की ओर से ई-रवन्ना के आधार पर ट्र्रांसपोर्टरों पर लाखों रुपए की पेनल्टी लगाने के विरोध में कोटा स्टोन और सेण्ड स्टोन का लदान ठप है। पिछले सात दिन से पत्थर का परिवहन बंद पड़ा है। पत्थर इकाइयों में उत्पादन बंद हो गया है।
दरअसल पिछले सात दिन से कोटा, रामगंजमण्डी, झालावाड़, भवानीमण्डी, रूणजी एवं चेचट क्षेत्र में कोटा एवं सेण्ड स्टोन का सम्पूर्ण कारोबार ठप पड़ा है। इसका मुख्य कारण 1 अप्रेल 2018 से ओवरलोड के आधार पर लाखों रुपए की डिमाण्ड राशि ट्रकों पर निकाली गई है, जबकि 15 टन के रवन्ने का भुगतान व्यापारी सरकार को दे रहे हैं। हाड़ौती कोटा स्टोन इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई से पत्थर उद्योग खत्म हो जाएगा। खादी ग्रामोउद्योग संघ के अध्यक्ष राजेन्द्र जैन, हाड़ौती कोटा स्टोन इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन के निर्वाचितअध्यक्ष महावीर जैन ने पत्थर उद्योग की वस्तुस्थिति के बारे में बताया। व्यापारियों का मानना है कि एक तो पहले से ही कोटा स्टोन बुरे दौर से गुजर रहा ऐसे में ये कदम मरे हुए को मारने जैसा है।
कांग्रेस नेता रविंद्र त्यागी ने कहा कि हमारी सरकार उद्योग एवं माइनिंग को प्रोत्साहित कर रही है। पत्थर उद्यमियों की समस्या को दूर करने का प्रयास करेंगे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल से मिलकर शीघ्र ही इस मसले को हल करवाने का प्रयास करेंगे।

पत्थर उद्यमी जिला कलक्टर से मिले

पत्थर उद्यमियों के एक प्रतिनिधिमण्डल ने मंगलवार को जिला कलक्टर को ज्ञापन देकर ई-रवन्ना के आधार पर ट्रकों पर निकाली गई लाखों रुपए की डिमांड को खत्म कर राहत दिलाने की मांग की है।
स्टोन उद्यमियों के एक प्रतिनिधिमण्डल ने जिला कलक्टर मुक्तानन्द अग्रवाल को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर हाड़ौती क्षेत्र कोटा एवं सेण्ड स्टोन का परिवहन कर रहे वाहनों पर करोड़ों रुपए की निकाली डिमाण्ड राशि को 31 मार्च तक जमा कराने के आदेशों को तुरन्त प्रभाव से निरस्त करने की मांग की।

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