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कैम्पस की जंगः चुनाव से पहले ही खर्च हो गए 50 हजार

छात्रसंघ चुनावों में खर्च की सीमा 5 हजार रुपए तय की गई है, लेकिन तैयारी में जुटे छात्र चुनाव से पहले ही 50 हजार रुपए खर्च कर चुके हैं।

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छात्रसंघ चुनाव में उड़ने लगी नियमों की धज्जियां।

कोटा विश्वविद्यालय और कोटा के राजकीय महाविद्यालयों में छात्रसंघ चुनावों की शुरुआत के साथ ही लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों की धज्जियां उड़ना शुरू हो गई हैं। प्रतिबंध के बावजूद कॉलेज परिसर पोस्टरों और बैनरों से अट गए हैं। खर्च की सीमा भले ही पांच हजार रुपए तय हो, लेकिन दावेदार चुनाव से पहले ही 50 हजार से ज्यादा का खर्च कर चुके हैं।







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राजनीति की पाठशाला में ताक पर कानून

कोटा विश्वविद्यालय और कोटा के राजकीय महाविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव की शुरुआत होने से पहले ही लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवमानना का दौर शुरू हो गया है। जेडीबी कन्या महाविद्यालय, राजकीय महाविद्यालय, कॉमर्स कॉलेज और लॉ कॉलेज ही नहीं कोटा विश्वविद्यालय के मुख्य द्वारों पर छात्रसंघ के दावेदारों ने मशीनों से छपे हुए पोस्टर और बैनर टांग दिए हैं। कॉलेज और विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों को नोटिस देना तो दूर इन्हें हटा तक नहीं पा रहा। यह हाल तब है जब जिला प्रशासन और कोटा पुलिस सभी कॉलेज प्रबंधकों को लिंगदोह कमेटी की सिरफारिशों की पूरी तरह पालना करने की हिदायत दे चुका है।

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चुनाव से पहले लांघी खर्च की सीमा

लिंगदोह कमेटी और सुप्रीम कोर्ट छात्रसंघ चुनावों में 5 हजार रुपए से ज्यादा खर्च ना करने के आदेश जारी कर चुके हैं, लेकिन जब छात्र नेताओं ने चुनावी तैयारी में ही 50-50 हजार रुपए खर्च कर डाले हैं। मजेदार बात यह है कि अभी तो चुनाव का शुरुआती दौर है, चुनाव ज्यों-ज्यों नजदीक आएंगे तब तक तो प्रत्याशी अपने प्रचार-प्रसार में ना जाने कितनी राशि खर्च कर चुका होगा और कॉलेज प्रशासन मूक दर्शक बना रहेगा।

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अपना रहे नए-नए चुनावी फंडे

कई छात्र नेताओं ने नए छात्रों को लुभाने के लिए छात्र सहायता शिविर का फंडा अपनाया हुआ है। वे छात्र सहायता शिविर के नाम पर बैनर लगाकर बैठे रहते हैं, हालांकि कॉलेजों में एडमिशन का पूरा प्रोसेस खत्म हो चुका है, लेकिन इन्हें रोकने और टोकने की कोई जहमत नहीं उठा रहा। लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के अनुसार छात्रसंघ चुनाव में एक प्रत्याशी अधिकतम पांच हजार रुपए खर्च कर सकता है। कैम्पस में तय स्थान पर हाथ से बने पोस्टर का उपयोग प्रत्याशी कर सकते हैं। प्रिंटेड पोस्टर, पम्फलेट व प्रचार सामग्री का प्रयोग प्रतिबंधित रहेगा। सार्वजनिक स्थलों पर चुनावी सभा आयोजित नहीं कर सकते। साथ ही छात्रसंघ चुनाव में लाउडस्पीकर व वाहनों पर प्रतिबंध और अनुमति लेकर ही जुलूस निकाला जा सकता है।

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फोटो खींचते ही हटा लिया पोस्टर

जेडीबी कॉलेज में छात्राएं भी चुनाव में पीछे नहीं हैं। वे भी बैनरों को रोज लगाती और हटाकर ले जाती हैं। साथ ही जैसे ही फैकल्टी आती है वे इन बैनरों को छिपा देती है। यहां के सुरक्षा कार्मिकों का कहना है कि रोज एक दर्जन के करीब बैनर कैम्पस में अलग-अलग जगह लगे रहते हैं। एेसे ही एक बैनर का फोटो खींचने लगे तो छात्रा ने उसे हटा दिया और वहां से लेकर चली गई। इस बारे में जब कॉलेज प्राचार्यों से पूछा तो वह चुनावी सुधारों को जल्द से जल्द लागू कराने का दावा करते दिखे।