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अब ट्रैन का सफर होगा और भी सुरक्षित ट्रैन में लगेंगे एलएचबी कोच

रेल मंत्रालय ने आगामी वित्तीय वर्ष के अंत तक सभी ट्रेनों में एलएचबी तकनीक के कोच लगाने की योजना पर तेजी से कार्य शुरू किया है।

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KOTA

कोटा .

रेल मंत्रालय ने आगामी वित्तीय वर्ष के अंत तक सभी ट्रेनों में एलएचबी तकनीक के कोच लगाने की योजना पर तेजी से कार्य शुरू किया है। रेलवे बोर्ड की ओर से साल समाप्त होने के बाद जारी की गई समीक्षा रिपोर्ट में इसका उल्लेख किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार सभी कोचों में वर्ष 2018-19 में पूरी तरह एलएचबी कोच लगाने का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

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सूत्रों के अनुसार इस तरह के कोच के कई फायदे हैं। इनमें ट्रेन के बेपटरी होने या पलटने के दौरान कोच सुरक्षित रहते हैं। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले चालू वित्तीय वर्ष में 1 अप्रेल 2017 से 30 नवम्बर 2017 के दौरान ट्रेन हादसों की संख्या 85 से घटकर 49 हो गई। वहीं रेल पटरी के नवीनीकरण के काम में तेजी आई और नवम्बर 2017 तक 2,148 किलोमीटर पुरानी रेल पटरियों को बदल दिया गया।

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यात्रियों की सुविधा बढ़ाने के लिए रेट्रो फिमेंट मिशन शुरू किया गया है। इसके तहत कोचों में सुधार किया जाएगा। मिशन के तहत 45 हजार कोचों को कवर करेगा। दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग और नई दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग पर ट्रेनों की रफ्तार 160 से 200 किमी प्रति घंटे करने की योजना पर भी कार्य चल रहा है। इस पर लगभग 18,000 करोड़ रुपए की लागत आएगी।

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इस योजना के तहत तारबंदी, समपार फाटक हटाने, ट्रेन सुरक्षा चेतावनी प्रणाली, मोबाइल ट्रेन रेडियो संचार, स्वचालित और मैकेनाइज्ड डायग्नोस्टिक सिस्टम का उपयोग शामिल है। इसके कार्यान्वयन से गाडिय़ों की अधिकतम गति क्षमता 160-200 किमी प्रति घंटे हो जाएगी। इससे नई दिल्ली-मुंबई राजधानी के सफर की अवधि 15 घंटे 35 मिनट की जगह कम होकर 12 घंटे की यात्रा अवधि हो जाएगी।