
कोटा .
हम हैं अकेले, हम हैं अधूरे, तेरी शरण, तू तारदे मां... ज्ञान के अधूरेपन को खत्म कर मेधा वृद्धि के लिए राजस्थान संस्कृत अकादमी की ओर से कोटा विश्वविद्यालय परिसर में सामूहिक सरस्वती वंदना और यज्ञ का आयोजन किया गया। जिसमें 111 महाविद्यालयों-विद्यालयों के 11111 विद्यार्थी शामिल हुए। गायत्री शक्तिपीठ से आए चतुर्भुज जोशी और वेदपाठियों ने सबसे पहले मेधा वृद्धि के लिए सरस्वती ज्ञान यज्ञ किया। इसके बाद जेडीबी आट्र्स कॉलेज के डॉ. राजेंद्र माहेश्वरी, डॉ. पुनीता श्रीवास्तव और संगीत की छात्राओं ने संगीतमय सरस्वती वंदना की।
याद रखें, अच्छी चीजें देर से असर करती हैं
विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए आईजी विशाल बंसल ने कहा कि शिक्षकों और परिजनों के प्रेरित करने के बाद भी बच्चे नियमित पढ़ाई और खेलना नहीं चाहते। इसके लिए आप जिम्मेदार नहीं है। जिम्मेदार है न्यूटन का लॉ ऑफ इनर्सिया। जिसमें उन्होंने साबित किया था कि जो चीज जहां पड़ी है वहीं पड़ी रहना चाहती है। बचपन इस नियम से खासा प्रभावित होता है। बच्चे हर गतिविधि का इंस्टेंट फायदा तलाशते हैं, लेकिन अच्छी चीजें देर से असर करती हैं। जबकि बुरी चीजें बेहद जल्दी प्रभाव दिखाने लगती हैं। इसलिए बच्चों को चाहिए कि प्रयास नियमित जारी रखें ताकि उसका दूरगामी फायदा मिल सके।
समारोह को बाबा निरंजननाथ अवधूत व कुलपति प्रो. पीके दशोरा ने भी संबोधित किया। डीएसडब्ल्यू प्रो. रीना दाधीच ने महाकवि माघ के जीवन और रचनाओं के बारे में छात्रों को विस्तार से जानकारी दी।
राजस्थान संस्कृत अकादमी महाकवि माघ की स्मृति में माघ महोत्सव का आयोजन करवा रही है। इस मौके पर कोटा के चिल्ड्रन टी.टी. कॉलेज, मोदी पब्लिक स्कूल, राजकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज, कोटिल्य शिक्षण संस्थान, प्रगति टी.टी. कॉलेज, बंसल पब्लिक स्कूल, श्री गणपति कॉलेज, एलन करियर इंस्टीट्यूट और कोटा विश्वविद्यालय समेत संभाग भर के कॉलेज और विद्यालयों के विद्यार्थी शामिल हुए
Updated on:
23 Jan 2018 09:23 pm
Published on:
23 Jan 2018 09:19 pm
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