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कांग्रेस के इस फॉर्मूले ने हाड़ौती के नेताओं की बढ़ाई चिंता

locationकोटाPublished: Jun 15, 2018 08:49:02 pm

Submitted by:

shailendra tiwari

राज्य में पांच माह बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। चुनावों को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों की चुनाव तैयारियां तेज हो गई हैं।

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कांग्रेस के इस फॉर्मूले ने हाड़ौती के नेताओं की बढ़ाई चिंता

नि‍शांत शर्मा. कोटा / बूंदी /बारां . राज्य में पांच माह बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। चुनावों को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों की चुनाव तैयारियां तेज हो गई हैं। लेकिन कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं में इस तैयारी के साथ अंदरूनी रूप से एक अनचाहा डर भी सता रहा है। पिछले विधानसभा चुनाव-2013 में चुनाव मैदान में कूद चुके वरिष्ठों में करीब 108 ऐसे उम्मीदवार रहे जो 20 हजार से ज्यादा वोटों से चुनाव हारे। राजस्थान में सबसे बड़ी हार कांग्रेस उम्मीदवार की राजधानी जयपुर के सांगानेर विधानसभा क्षेत्र में रही। इन 108 उम्मीदवारों में करीब 30 उम्मीदवार तो ऐसे हैं, जो दूसरे पायदान पर भी नहीं आ सके। वे तीसरे से चौथे नंबर पर चले गए।
राहुल-सोनिया ने दिए था फॉर्मूला
राज्य विधानसभा के 2013 में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान तत्कालीन कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने 20 हजार से ज्यादा वोटों से हारे उम्मीदवारों को टिकट नहीं देने का प्रावधान लागू किया था। इसको लेकर पार्टी के पर्यवेक्षकों से लेकर सभी बड़े नेताओं ने सूची तक बनाई थी। हालांकि एक-दो मामलों में यह गणित पार्टी का नहीं चला, लेकिन कई दावेदार इस प्रावधान से टिकट की दौड़ में पिछड़ गए थे। अब राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। ऐसे में अब होने वाले विधानसभा चुनाव 2018 में क्या नियम बनेंगे, लेकिन पार्टी में टिकट की दौड़ में शामिल नेताओं में यह डर सता रहा है। पार्टी मुख्यालयों में इस तरह की चर्चा पार्टी नेताओं में आम है।
हाड़ौती में इन नेताओं की बढ़ेगी चिंता
पिछले चुनावो में हाड़ौती की कुल 17 सीटों में से 16 भाजपा के खाते में गई थी। इनमें छबड़ा, रामगंजमंडी, बूंदी, कोटा दक्षिण,झालरापाटन, डग सांगोद समेत कई सीटों पर कांग्रेस की हार का अंतर 20000 वोटों से ज्यादा का था । कोटा की 6 में से 3 सीटों पर हार का अंतर 20000 से ज्यादा का था। अगर प्रदेश में कांग्रेस का नया फॉर्मूला लागू हो जाता है तो हाड़ौती में कई नेताओं के टिकट पर तलवार लटक सकती है। पिछले चुनावों में कोटा दक्षिण सीट से पंकज मेहता और उपचुनाव में शिवकांत नंदवाना को 20000 वोटों से ज्यादा की हार मिली थी। इसके अलावा बूंदी में ममता शर्मा और बारां से पानाचंद मेघवाल सरीके नेता भी इस फेहरिस्त में शामिल है। हालांकि इस मामले में पूर्व मंत्री भरत सिंह को राहत मिल सकती है। सांगोद विधानसभा सीट से सिंह की हार का अंतर 19234 था जो कि नए फॉर्मूले से बाहर है।

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