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Kota: 3 घंटे में छीन गया नई जिंदगी का ‘तोहफा’, करंट लगने से रुकी 10 साल की बच्ची की सांसें CPR से लौटी, फिर ऐसे हो गई मौत

Rajasthan: करीब 15 से 20 मिनट तक सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) दिया। जरूरी इंजेक्शन, दो बार डीसी शॉक और कृत्रिम सांस दी गई। आखिरकार बालिका की धड़कन लौट आई।

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कोटा

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Akshita Deora

Sep 11, 2025

मौत से पहले बालिका मोनिका को कृत्रिम सांस और सीपीआर देता नर्सिग स्टाफ (फोटो: पत्रिका)

10 Year Girl Died Due To Electric Shock: सिर्फ 3 घंटे में जिंदगी ने करवट ली और नई जिंदगी का 'तोहफा' एक बार फिर मौत के साए में खो गया। दरअसल कोटा के डीसीएम प्रेमनगर सैकंड इलाके में बुधवार को बालिका मोनिका वैष्णव (10) की करंट की चपेट में आने से मौत हो गई। वह दुकान की सफाई कर रही थी, तभी पंखे का तार छूने से उसे करंट लग गया। वह अचेत हो गई और उसकी सांसें रुक गईं।

परिजन तुरंत उसे न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल लेकर पहुंचे। अस्पताल में डॉक्टरों ने जांच की तो पाया कि बालिका की ईसीजी फ्लैट थी, यानी हृदय गति पूरी तरह रुक चुकी थी।

मेडिसिन यूनिट के रेजिडेंट डॉक्टर भारतेंद्र मंगल ने बताया कि बालिका की पल्स और बीपी नहीं आ रहे थे। लगातार तीन बार ईसीजी फ्लैट आने के बाद भी नर्सिंग स्टाफ गजेन्द्र नामा ने करीब 15 से 20 मिनट तक सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) दिया। जरूरी इंजेक्शन, दो बार डीसी शॉक और कृत्रिम सांस दी गई।

आखिरकार बालिका की धड़कन लौट आई। प्रारंभिक स्थिरता के बाद मोनिका को जेके लोन अस्पताल रेफर किया गया। वहां करीब 3 घंटे तक उपचार चला। जेके लोन अस्पताल की वरिष्ठ डॉक्टर डॉ. सुनीता खण्डेलवाल ने बताया कि बालिका के लंग्स से अत्यधिक रक्त निकल रहा था उसे वेंटिलेटर पर भी लिया। आपातकालीन देखभाल और लाइफ सेविंग उपाय किए, लेकिन गंभीर हालत के चलते उसे बचाया नहीं जा सका।