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कोटा में पुलिस का तांडव: घरों से निकालकर महिलाओं, बच्चों व बुजुर्गों को मारा-पीटा, वाहन तोड़े

दुष्कर्म और हत्या के आरोपितों में से एक संदिग्ध को छोडऩे के विरोध पर पुलिस ने देर रात अजय आहूजा नगर में तांडव मचा दिया।

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कोटा

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Zuber Khan

Oct 02, 2017

 Police Lathi Charge

पुलिस ने घर के बाहर बैठी महिला पर लाठियां बरसाने से घुटने पर पड़ा निशान।

कोटा . दुष्कर्म और हत्या के आरोपितों में से एक संदिग्ध को थाने से छोडऩे के विरोध को लेकर पुलिस ने शनिवार देर रात अजय आहूजा नगर में तांडव मचा दिया। बड़ी संख्या में पहुंची पुलिस ने महिला, बच्चों और बुजुर्गों को घरों से निकालकर बेरहमी से पीटा। घरों के दरवाजे, खिड़की तोड़ दिए। सड़क पर खड़े वाहनों के कांच फोड़ डाले। इसके बाद करीब ३० लोगों को पुलिस उठाकर थाने ले गई। रविवार शाम को भी ये लोग थाने के लॉकअप में ही थे। लोगों ने जब इस घटना की जानकारी विधायक चंद्रकांता को दी तो उन्होंने बस्ती में जाकर हाल देखा।


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मेघवाल ने अनंतपुरा थाने जाकर सीआई अनिल जोशी के समक्ष पुलिस की बर्बरतापूर्वक कार्रवाई पर आपत्ति जताई और निष्पक्ष जांच करने की मांग रखी। विधायक रविवार शाम ७ बजे दोबारा बस्ती में गई और लोगों को शांत रहने को कहा। पत्रिका टीम इस बस्ती में गई और करीब २० से ज्यादा घरों में जाकर देखा तो हालात चौंकाने वाले मिले। घरों की खिड़कियों के कांच टूटे हुए मिले। पुलिस की मारपीट की शिकार महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग दूसरे दिन भी दर्द से कराह रहे थे। प्रत्यक्षदर्शी लोगों ने बताया कि रात दस बजे से तड़के तक मारपीट का दौर चला। पुलिस कार्रवाई से लोगों में भय व्याप्त है।

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गाली गलौच की हदें पार कर दी
बस्ती की महिलाओं व किशोरियों ने बताया कि पुलिसकर्मियों ने गाली गलौच की सभी हदें पार कर दी। महिला और बच्चियों को एेसी जगह भी डंडे से मारा कि वे बता भी नहीं सकती। पुलिसकर्मियों ने जितने भी वाहन खड़े थे, सभी में तोडफ़ोड़ कर दी। हर घर का कांच फोड़ दिया हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, पुलिस दल में एक भी महिला कर्मी नहीं थी।

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बीमार बच्चों को भी नहीं छोड़ा
क्षेत्रवासी मधु ने बताया कि दोनों बच्चे एलिस व एलिया बीमार चल रहे हैं। वे तो जल्दी सो गए थे, इसके बाद भी पुलिस घर में घुस मारा और थाने ले गई। वहां भी बच्चों के साथ मारपीट की है। नाबालिगहोने के कारण उन्हें रात को छोड़ दिया।


पीटने से रोका तो मुंह पर डंडा मारा
स्थानीय निवासी महिला सीमा ने बताया कि घर पर खाना बना रही थी, अचानक किसी ने दरवाजा बजाया। जैसे ही खोला देखा तो पुलिस लोगों को घरों से बाहर निकाल पीट रही थी। मैंने अपने पति व बच्चों को बचाने का प्रयास किया तो मेरे मुंह पर भी डंडा मारा।

चला भी नहीं जा रहा
महिला रासू ने बताया कि मैं घर के बाहर बैठी थी। एकाएक पुलिस कर्मी आए और तीन से चार डंडे मुझे मारे। मुझसे अब चला भी नहीं जा रहा है। जांघ के पिछले हिस्से में खून जम गया है। मुझे तो पता भी नहीं है, पुलिस ने क्यों हमें मारा है।

अनंतपुरा सीआई अनिल जोशी ने बताया कि संदिग्ध किशोर को छोडऩे पर बस्ती के लोगों ने उसके घर जाकर मारपीट की और आगजनी की कोशिश की। इस पर पुलिस पहुंची तो पथराव कर दिया। इस संबंध में कुछ लोगों को पकड़ा है।


पीडि़त की रिपोर्ट पर कुछ लोगों को पकड़ा
सिटी एसपी अंशुमान भौमिया ने कहा कि पुलिस ने हंगामा और मारपीट कर रहे लोगों को रोका है। पीडि़त की रिपोर्ट पर कुछ लोगों को पकड़ा है।

वृद्ध महिला व गर्भवतियों को पीटा
विधायक चंद्रकांता मेघवाल ने कहा कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। पुलिस वाले रक्षक की जगह भक्षक बन गए हैं। छोटे बच्चों, बुजुर्गों व बृद्ध महिलाओं व गर्भवतियों को मारा गया। अभी भी लोगों को धमका रहे हैं। बच्चों को थाने ले गए। मेरे फोन करने पर छोड़ा गया है। ऑटो व वाहनों को तोड़ा है, हर घर के कांच फोड़ दिए। इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।