
शराब की दुकान का विरोध करते लोग।
'आधी आबादी' की बात ना मानना कितना भारी पड़ सकता है, यह बात शुक्रवार को कोटा पुलिस और शराब कारोबारियों की अच्छी तरह समझ आ गई होगी। महिलाओं के बार-बार विरोध करने के बाद भी आबकारी विभाग ने घनी आबादी में शराब की दुकान खुलवा दी। जिससे आक्रोशित होकर महिलाओं ने दुकान में रखी सैकड़ों बोतलों को जमीन पर फेंक कर तोड़ डाला। महिलाओं के गुस्से के आगे उन्हें समझाने आए पुलिस कर्मियों की एक भी नहीं चली। जिसके बाद पुलिस को भी उल्टे पांव वापस लौटना पड़ा।
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शराब के विरोध में सड़क पर उतरे लोग
कोटा के बालाकुण्ड इलाके में लोगों के विरोध के बावजूद आबकारी विभाग ने शराब की दुकान का लाइसेंस जारी कर दिया। शराब कारोबारी ने जैसे ही दुकान खोली पूरा इलाका विरोध में उतर आया। मुहल्ले की महिलाओं ने पहले तो दुकानदार को दुकान हटाने के लिए समझाने की कोशिश की, लेकिन जब वह नहीं माना तो महिलाएं आक्रोषित हो गईं और दुकान में तोड़फोड़ कर दी। दुकान में रखे शराब के पव्वे-अध्धे ही नहीं सेकड़ों बोतलें तक जमीन पर फेंक कर तोड़ डाली। प्रदर्शन की खबर मिलते ही दादाबाड़ी पुलिस ने स्थिति को काबू में करने की कोशिश की। लेकिन, नाराज महिलाओं व लोगों के सामने पुलिस भी बेबस नजर आई। शराब की दुकान पर हुए इस हमले ने स्थानीय लोगों के इरादों को साफ कर दिया है कि वह इस इलाके में किसी भी कीमत पर शराब नहीं बिकने देंगे।
पहले भी बंद हो चुकी थी यह दुकान
प्रदेश में लम्बे समय से लोग शराब और इससे होने वाली घटनाओं के विरोध में खड़े दिखाई दे रहे हैं। शराब कारोबारियों को लगा कि समय के साथ परिस्थियों को अपने मुताबिक बना लेगें। इसलिए पिछले गुरूवार को केशवपुरा स्थित दुकान को फिर से खोला गया था। अगले दिन भारी मात्रा में शराब मंगा कर इन्हें दुकानों में सजा दिया गया था। इस बात की भनक जब लोगों को लगी तो वे सभी दुकान को बंद कराने के लिए पहुंच गए। और जम कर हंगामा किया।
पुलिस कोशिश ही करती रह गई
मामले की जानकारी जब दादाबाडी पुलिस को लागी तो वे स्थिती का जायजा लेने मौके पर पहुंची। पुलिस ने लोगों को बहुत समझाने की कोशिश की, लेकिन गुस्साएं लोग पुलिस के आगे भी नहीं झूके। उन्होंने अपना विरोध जारी रखा। लोगों का गुस्सा शराब की दुकान में ताला लगने के बाद ही शांत हुआ।
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अवैध बता रहे दुकान
स्थानीय नेता गोपाल गुप्ता ने बताया कि यह शराब की दुकान अवैध है, इसे गुरुवार को ही खोला गया था। जिसमें शुक्रवार को सुबह शराब की बोतलें व पव्वे रखे दिए गए थे। इसमें आबकारी विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत होने का भी आरोप है। इन लोगों ने शराब की दुकान बंद कराने के लिए आबकारी आयुक्त को ज्ञापन दिया है। विरोध करने वालों में रामप्रसाद बंजारा, जितेन्द्र कुमार, छोटू जायसवाल, हिमांशु शमाज़्, मनोज भारती, दिनेश दाधीच, विजय सुमन आदि शामिल थे।
जांच के निर्देश दे दिए
जिला आबकारी विभाग के अधिकारी अशोक कुमार मीणा ने कहा कि लोग शराब की दुकान की शिकायत लेकर आए थे। उनका कहना था कि यह दुकान अवैध है। ऐसे में सीआई को जांच के निर्देश दे दिए हैं। स्वीकृत दुकान की जगह दूसरी होगी तो कार्रवाई करेंगे।
Published on:
12 Aug 2017 02:22 pm
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