
कोटा में ठगी के शिकार लोग, फोटो पत्रिका
कोटा शहर के कुन्हाड़ी, तलवंडी, नयापुरा और स्टेशन क्षेत्र में हाई रिटर्न माइक्रो इनकम स्कीम के नाम पर 8 हजार 500 लोगों ने 2500-2500 रुपए की जमाएं लेकर अज्ञात कंपनी के कर्ताधर्ता अैर एजेंट रातों रात गायब हो गए। हजारों निवेशकों के साथ 2 करोड़ 12 लाख 50 हजार रुपए की ठगी से हड़कंप मच गया। पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर जांच कंपनी के संचालकों की तलाश शुरू की है।
अनंतपुरा थाने के सीआइ भूपेन्द्रसिंह ने बताया कि शुरुआती जांच में उत्तरप्रदेश के दीपकसिंह का नाम सामने आया है। तीन माह पहले कुछ युवकों ने कोटा में एक कंपनी शुरू की। किराए की दुकानों में ऑफिस चलाकर युवकों ने लोगों को 2500 रुपए जमा करवाने पर 30-40 दिनों में 5 से 7 हजार तक रिटर्न का झांसा दिया। एजेंटों ने शुरुआती हफ्तों में कुछ लोगों को मामूली रकम लौटाकर भरोसे में लिया। धीरे-धीरे लोग जुड़ते गए। लालच में कुछ लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों के नाम से रकम जमा करवाई।
बोरखेड़ा निवासी धीरज नागर ने बताया कि ज्यादा नाम जोड़ने पर ज्यादा इनकम बताने पर उन्होंने परिवार के 12 जनों नाम से पैसे जमा कराए। अधिकतर निवेशक रिक्शा चालक, हॉस्टल स्टाफ, छोटे दुकानदार, घरेलू महिलाएं और कोचिंग से जुड़े कर्मचारी शामिल हैं।
लोगों को झटका पिछले सप्ताह लगा, जब अचानक ऑफिस के शटर बंद मिले। वाट्सऐप ग्रुप डिलीट कर एजेंटों के मोबाइल नंबर भी बंद कर लिए। सोशल मीडिया पर ‘स्कीम बंद’ होने की पोस्ट वायरल हुई तो ठगी का एहसास हुआ।
कंपनी के लोगों ने रिक्शा चालक, हॉस्टल स्टाफ, छोटे दुकानदार, घरेलू महिलाएं और कोचिंग से जुड़े कर्मचारियों को कम निवेश में ज्यादा मुनाफे का लालच देकर फंसाया। कई लोगों ने ज्यादा मुनाफे के लालच में अपने परिवार के कई सदस्यों को एक साथ जोड़कर कंपनी में निवेश कराया। अब कंपनी के फर्जीवाड़े का भांडा फूटने पर लोग एक दूसरे को कोस रहे हैं।
Updated on:
16 Nov 2025 12:24 pm
Published on:
16 Nov 2025 12:23 pm
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