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बच्ची के जन्म के तत्काल बाद प्रसूता बेहोश हो गई। कोटा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चिकित्सकों ने उसे संभाला। इधर, अस्पताल प्रशासन का कहना है कि गर्भवती की स्थिति क्रिटिकल थी इसलिए कोटा रैफर किया गया। जावराखुर्द निवासी कैलाश प्रजापत ने बताया कि शनिवार देर रात उसकी पत्नी तुलसी बाई (35) को प्रसव पीड़ा होने पर वे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लेकर पहुंचे।
बच्ची के जन्म के तत्काल बाद प्रसूता बेहोश हो गई। कोटा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चिकित्सकों ने उसे संभाला। इधर, अस्पताल प्रशासन का कहना है कि गर्भवती की स्थिति क्रिटिकल थी इसलिए कोटा रैफर किया गया। जावराखुर्द निवासी कैलाश प्रजापत ने बताया कि शनिवार देर रात उसकी पत्नी तुलसी बाई (35) को प्रसव पीड़ा होने पर वे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लेकर पहुंचे।
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पत्नी दर्द से छटपटा रही थी, ब्लीडिंग शुरू हो गई थी। ऐसे में उन्होंने अस्पताल में ही प्रसव कराने की बात कही लेकिन वहां मौजूद नर्सिंगकर्मी ने उनकी नहीं सुनी और कोटा रैफर कर दिया। वे 108 एंबुलेंस से वे कोटा के लिए रवाना हुए ही थे लेकिन आधा किमी चलने पर ही पत्नी के छटपटाने पर चालक ने वाहन एक तरफ खड़ा किया। ईएमटी तथा चालक ने परिजनों की सहायता से प्रसव करवाया। बच्ची को जन्म देते ही प्रसूता बेहोश हो गई। इसके बाद एंबुलेंस चालक ने तेजी से उन्हें कोटा मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचाया। वहां चिकित्सकों ने उसे संभाला। अब दोनों ठीक हैं।
पत्नी दर्द से छटपटा रही थी, ब्लीडिंग शुरू हो गई थी। ऐसे में उन्होंने अस्पताल में ही प्रसव कराने की बात कही लेकिन वहां मौजूद नर्सिंगकर्मी ने उनकी नहीं सुनी और कोटा रैफर कर दिया। वे 108 एंबुलेंस से वे कोटा के लिए रवाना हुए ही थे लेकिन आधा किमी चलने पर ही पत्नी के छटपटाने पर चालक ने वाहन एक तरफ खड़ा किया। ईएमटी तथा चालक ने परिजनों की सहायता से प्रसव करवाया। बच्ची को जन्म देते ही प्रसूता बेहोश हो गई। इसके बाद एंबुलेंस चालक ने तेजी से उन्हें कोटा मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचाया। वहां चिकित्सकों ने उसे संभाला। अब दोनों ठीक हैं।
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मामले की जांच कर रहा हूं
मामले में मैंने नर्स से बात की है। उसने बताया कि प्रसूता को हाथ-पैरों में अत्यधिक सूजन थी। रक्त अल्पता समेत उच्च रक्तचाप की समस्या भी थी। इसलिए नर्स ने कोटा रैफर किया। अस्पताल में ना तो स्त्री रोग विशेषज्ञ है, ना ही शिशु रोग विशेषज्ञ। फिर भी मैं भी अपने स्तर पर मामले की जांच कर रहा हूं।
डॉ अनिल जाटव, चिकित्सा प्रभारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, रावतभाटा
मामले की जांच कर रहा हूं
मामले में मैंने नर्स से बात की है। उसने बताया कि प्रसूता को हाथ-पैरों में अत्यधिक सूजन थी। रक्त अल्पता समेत उच्च रक्तचाप की समस्या भी थी। इसलिए नर्स ने कोटा रैफर किया। अस्पताल में ना तो स्त्री रोग विशेषज्ञ है, ना ही शिशु रोग विशेषज्ञ। फिर भी मैं भी अपने स्तर पर मामले की जांच कर रहा हूं।
डॉ अनिल जाटव, चिकित्सा प्रभारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, रावतभाटा