खुलासा: #Rudraksh_Murder_case : कोटा के प्रभावशाली राजनेता का बच्चा था अंकुर के निशाने पर
एफएसएल रिपोर्ट में ये बात भी सामने आई कि अंकुर ने एक मोबाइल कम्पनी के करोड़पति संचालक के बच्चे को टारगेट बनाया था। वह व्यक्ति भी पुनीत हांडा के आसपास ही रहता है। अंकुर ने जिस दिन अपहरण की योजना बनाई, उस दिन मोबाइल कम्पनी के मालिक का बच्चा तलवंडी स्थित उस पार्क में नहीं आया। उस बच्चे के नहीं आने से उसे लगा कि जो बच्चा अच्छे परिवार का दिख रहा है, उसे उठा लेते हैं। उसके बाद अंकुर ने रुद्राक्ष का अपहरण किया और उसके बाद बच्चे से परिवार के बारे में जानकारी एकत्रित की। अंकुर ने ये तय किया कि अब पुनीत हांडा से ही जितना पैसा आ सके, वो ले लेंगे।
एफएसएल रिपोर्ट में ये बात भी सामने आई कि अंकुर ने एक मोबाइल कम्पनी के करोड़पति संचालक के बच्चे को टारगेट बनाया था। वह व्यक्ति भी पुनीत हांडा के आसपास ही रहता है। अंकुर ने जिस दिन अपहरण की योजना बनाई, उस दिन मोबाइल कम्पनी के मालिक का बच्चा तलवंडी स्थित उस पार्क में नहीं आया। उस बच्चे के नहीं आने से उसे लगा कि जो बच्चा अच्छे परिवार का दिख रहा है, उसे उठा लेते हैं। उसके बाद अंकुर ने रुद्राक्ष का अपहरण किया और उसके बाद बच्चे से परिवार के बारे में जानकारी एकत्रित की। अंकुर ने ये तय किया कि अब पुनीत हांडा से ही जितना पैसा आ सके, वो ले लेंगे।
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विशिष्ट लोक अभियोजक कमलकांत शर्मा ने बताया कि पुलिस ने जो एफएसएल रिपोर्ट न्यायालय में पेश की है, उसमें भी कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। एफएसएल रिपोर्ट में सामने आया कि अंकुर ने कई दिनों तक अपराध करने के तरीके को गूगल पर सर्च किया है। उसने अपराध से बचने के तरीके भी गूगल के माध्यम से सर्च किए। रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि उसने कोटा के हर उस व्यक्ति की तलाश की, जो बहुत अमीर है। ऐसे कई लोगों के नाम उसने गूगल से तलाश किए।
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देखा- क्लोरोफार्म की कितनी डोज देनी हैं
अंकुर की तलाश यहीं नहीं थमी, उसने नेट का भरपूर स्तेमाल किया और संतुष्ट होने व पूरी योजना बनाने के बाद वारदात को अंजाम दिया। एफएसएल रिपोर्ट में सामने आया कि उसने 8 साल के बच्चे को कितनी मात्रा में क्लोरोफार्म दी जाती है और कितने समय बाद उसे होश आएगा? इसकी भी जानकारी जुटाई। अंकुर ने क्लोरोफार्म कहां मिलती है? उन शहरों की भी तलाश की। ऐसे कई शहर एफएसएल रिपोर्ट में अंकित हैं। उसने दिल्ली में कहां सिम मिलेगी? यह भी गूगल के माध्यम से तलाश किया। उसने कई शॉप चुनने के बाद करणजीत की शॉप से सिम ली।
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सीखा भेष बदलना
32 पेज की एफएसएल रिपोर्ट में सामने आया कि उसने कई पहलुओं पर कार्य किया है। रिपोर्ट में ये सामने आया की अंकुर ने गूगल के माध्यम से जाना की भेष कैसे बदला जाता है, उसका सामान कहां मिलेगा? वहीं भेष बदलने की तकनीक क्या है? प्लास्टिक सर्जरी कहां हो सकती है? फांसी की सजा मिलने के बाद अंकुर का केस हाईकोर्ट की डबल बैंच में चलेगा। बैंच ये तय करती है कि जिस व्यक्ति को फांसी की सजा हुई है वह प्रकरण फांसी के योग्य है या नहीं। उसके बाद प्रकरण सुप्रीम कोर्ट व राष्ट्रपति के समक्ष भी रखा जाता है। राज्यपाल को भी फांसी की सजा में राहत देने का अधिकार है।
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सर्च किए अमीर लोगों के नाम
अंकुर ने अपराध करने की योजना के सभी तरीके गूगल पर ही सर्च किए। उसने गूगल पर कोटा के सबसे अधिक अमीर व्यक्तियों की तलाश की, जिसमें राजनेता भी शामिल हैं। उसने 8 साल तक के किसके बच्चे हैं, इसकी भी जानकारी जुटाई। हत्यारे का निशाना बच्चे ही थे। वह बच्चों की ही तलाश करता रहा।