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एक टीचर की तबीयत क्या बिगड़ी, पूरा स्कूल ही बंद हो गया

राजस्थान के प्राथमिक स्कूलों के हालात इस कदर बदत्तर हैं कि एक शिक्षिका के बीमार होने पर 126 बच्चों की छुट्टी कर दी जाती है।

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School stopped after teacher's health worsened

कोटा के करणी नगर राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय की सिर्फ इसलिए छुट्टी कर दी गई, क्योंकि इन्हें पढ़ाने वाली शिक्षिका की तबीयत खराब थी। शिक्षिका जब भी छुट्टी पर जाती है, पूरे स्कूल की छुट्टी हो जाती है। इसकी वजह स्टाफ की कमी है। यहां सिर्फ एक ही शिक्षिका तैनात हैं जो सवा सौ बच्चों को पढ़ाने के साथ ही उन्हें मिड डे मील खिलाने से लेकर बाकी सारे काम देखती हैं।







कोटा के करणी नगर नान्ता राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में रोज की तरह बच्चे आए, लेकिन पढ़ाई शुरू होने से पहले ही उन्हें मिड डे मील में चावल खिला दिए गए और खाना खत्म होते ही छुट्टी कर दी गई। जब इसकी वजह पता की तो जानकारी मिली कि बच्चों को पढ़ाने वाली शिक्षिका बीमार हैं। इसलिए बच्चों की छुट्टी कर दी गई है।

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126 बच्चों का भविष्य एक शिक्षिका के हवाले

इस स्कूल में 126 बच्चे पढ़ते हैं, लेकिन उन्हें पढ़ाने की जिम्मेदारी सिर्फ एक शिक्षिका नन्द कुमारी के जिम्मे है। यह भी डेढ़ साल पहले प्रतिनियुक्ति पर आई। कुछ दिन पहले बीमार होने के कारण जब नन्द कुमारी अवकाश पर गईं तो उनकी जगह राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय नान्ता महल की शिक्षिका सुशीला खण्डेलवाल को अतिरिक्त कार्य सौंप दिया गया, लेकिन सुशीला की तबीयत भी बुधवार को बिगड़ गई और जब वह गुरुवार को स्कूल नहीं आई तो बच्चों की छुट्टी कर दी गई।

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धरे रह गए सारे इंतजाम

सुशीला खंडेलवाल ने छुट्टी की सूचना अपनी प्रधानाध्यापिका मंजू तिवारी को दे दी। तिवारी ने डीईओ को अवगत करा दिया। डीईओ ने तिवारी को ही सुबह करणी नगर स्कूल देख जाने के लिए कह दिया। जबकि उस दिन वह खुद अपने स्कूल में अकेली थीं। मंजू तिवारी ने बताया कि उनके स्कूल में भी दो ही शिक्षिकाएं हैं। एक छुट्टी पर थीं और एक की ड्यूटी वीडियो कांफ्रेंसिंग में लगाई गई थी। ऐसे में वह अकेली रह गई और काम दो स्कूलों का देखना था। इसलिए करणी नगर के स्कूल जाकर मिड डे मील बंटवा दिया और वापस आ गईं। वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारी अब शिक्षकों की तैनाती के आदेशों की फाइल तलाशने में जुटे हैं।