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स्मार्ट सिटी समिट कोटा: काम में स्मार्टनेस लाने से बनेगा कोटा स्मार्ट सिटी, करने होंगें यह प्रयास

कोटा. स्मार्ट सिटी समिट के दूसरे दिन शनिवार को नवाचारों एवं सुझावों पर मंथन किया गया।

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कोटा

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abhishek jain

Sep 09, 2017

Smart City Summit End in Kota

कोटा. स्मार्ट सिटी समिट के दूसरे दिन शनिवार को नवाचारों एवं सुझावों पर मंथन किया गया।

कोटा. स्मार्ट सिटी समिट के दूसरे दिन शनिवार को विभिन्न सत्रों में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में चयनित शहरों के अधिकारियों एवं कम्पनियों के प्रतिनिधियों द्वारा बताए गए नवाचारों एवं सुझावों पर मंथन किया गया। अधिकारियों ने अब तक क्रियान्वित किए कार्यों एवं प्रस्तावित योजनाओं की जानकारी दी। कम्पनी प्रतिनिधियों ने स्मार्टनेस के विकल्पों को प्रजेन्टेशन के माध्यम से प्रस्तुत किया।

सामूहिक पहल से बनेंगे स्मार्ट
कार्यशाला की शुरुआत में जिला कलक्टर रोहित गुप्ता ने कहा कि स्मार्ट सिटी के लिए किसी एक पक्ष के स्मार्ट होने से नहीं बल्कि नागरिकों, संगठनों, संस्थाओं के कार्यों में भी स्मार्टनेस होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जनता की भागीदारी के बिना कोई भी कार्य सफल नहीं हो सकता। आमजन को दी जाने वाली सेवाओं में समयबद्धता एवं पारदर्शिता आवश्यक है।

उन्होंने उदयपुर शहर में आमजन के सहयोग से शुरू किए गए एक्शन उदयपुर कार्यक्रम को मिली सफलता को प्रजेन्टेशन के माध्यम से बताया। उन्होंने कहा, कोटा में भी रिक्रीएटिंग कोटा अभियान के जरिए सार्वजनिक स्थलों, ऐतिहासिक व पर्यटक महत्व के स्मारकों, आवासीय क्षेत्रों में परिवर्तन लाने का प्रयास कर रहे हैं।

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स्मार्ट सिटी में पुलिस की महती भूमिका

पुलिस अधीक्षक अंशुमान भौमिया ने स्मार्ट सिटी में पुलिस की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आमजन को स्मार्ट सेवाओं के लिए यातायात प्रबंधन महत्वपूर्ण कड़ी है। कन्ट्रोल कमाण्ड सेन्टर के माध्यम से यातायात परिचालन पर निगरानी, कानून व्यवस्था बनाए रखने में लाभकारी सिद्ध होगी।

इससे यातायात नियमों की अवहेलना करने वाले वाहन चालकों को चिह्नित कर घर बैठे चालान भिजवाया जाना आसान हो गया है। आने वाले समय में जनता को स्मार्ट सुविधाओं की कड़ी में ऑनलाइन एफ आईआर एवं अपराधियों का डाटाबेस ऑनलाइन किए जाने का कार्य भी शुरू किया जा चुका है।
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आयुक्त ने बताई कोटा स्मार्ट सिटी की प्लानिंग

नगर निगम आयुक्त डॉ. विक्रम जिन्दल ने स्मार्ट सिटी की दिशा में किए गए कार्यों की जानकारी देते हुए कहा कि आने वाले समय में जनता के लिए बहुमंजिला पार्किंग, नालों, सरकारी भवनों की छतों का सोलर पैनल के लिए उपयोग करने का प्लान बनाया गया है।

उन्होंने बताया कि शहर में ऐतिहासिक स्थलों को जोड़ते हुए 10 किलोमीटर का वॉक-वे, पानी की उपलब्धता को देखते हुए वाटर एडवेंचर गतिविधियां, नगर निगम की सम्पत्ति की जीओ ट्रेकिंग, वाहनों पर जीपीएस सिस्टम, रोड किनारे ग्रीन वॉल जैसे प्रस्तावों को पूर्ण कर स्मार्टनेस लाई जाएगी।

उन्होंने स्मार्ट सिटी अम्ब्रेला एप के माध्यम से आमजन को दी जाने वाली 18 सेवाओं, डिजीटल हेल्प प्रोफाइल, ई-बुक, स्मार्ट डस्टबिन, बैरल गार्डन की प्रजेन्टेशन के माध्यम से जानकारी दी।

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उदयपुर एवं दुर्ग आयुक्त ने साझा किए नवाचार
उदयपुर नगर निगम सीईओ सिद्धार्थ सिहाग ने ई-रिक्षा, नो व्हीकल जोन, सोलर पार्क, स्मार्ट क्लास रूम, नदी संरक्षण व हेरिटेज इमारतों के रखरखाव, कचरा निस्तारण की जानकारी दी। छत्तीसगढ़ के दुर्ग नगर निगम सीईओ एस.के. सुन्दरानी ने आमजन के सहयोग से किए गए परिवर्तनों की जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि जीरो वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम के लिए आमजन सरकारी संस्थाओं, व्यापारिक संगठनों को तैयार करना होगा। घर के कचरे का घर में निस्तारण से पैसे व समय की भी बचत होगी।

उन्होंने बताया कि दुर्ग में मछली मार्केट का कचरा बतख पालक स्वयंसेवी संस्थाओं को देकर 26 तालाबों के माध्यम से रोजगार भी उपलब्ध कराया जा रहा है। मीट मार्केट का कचरा डॉग शेल्टर हाउस बनाकर निस्तारित किया जा रहा है। उन्होंने जुगाड़ तकनीकी से पार्कों, जल स्त्रोतों में परिवर्तन लाने की जानकारी दी।