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चिकित्सकों ने मरीजों को करवाया दो घंटे इंतजार, लगी लम्बी कतारें

कोटा. लम्बित मांगों पर कार्रवाई नहीं होने से खफा समस्त सेवारत चिकित्सकों ने राज्यव्यापी आह्वान पर शनिवार दो घंटे कार्य बहिष्कार किया।

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Strike Of Doctors in Kota

कोटा. लम्बित मांगों पर कार्रवाई नहीं होने से खफा समस्त सेवारत चिकित्सकों ने राज्यव्यापी आह्वान पर शनिवार दो घंटे कार्य बहिष्कार किया।

कोटा . लम्बित मांगों पर कार्रवाई नहीं होने से खफा समस्त सेवारत चिकित्सकों ने राज्यव्यापी आह्वान पर शनिवार को सुबह 8 से 10 बजे तक दो घंटे कार्य बहिष्कार किया। काली पट्टी बांध विरोध जाताया। हालांकि आपातकालीन सेवाएं जारी रखी गई। कार्य बहिष्कार 29 अगस्त तक जारी रहेगा। राज्य में आठ हजार, कोटा संभाग में छह सौ व कोटा शहर में दो सौ से अधिक चिकित्सकों ने कार्य बहिष्कार किया।

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एमबीएस में डॉ. हेमंत गुप्ता, सांगोद में डॉ. राजेश सामर, रामगंजमंडी में डॉ. विजय शर्मा, डॉ. प्रदीप फौजदार, चेचट में जितेंद्र नामा के नेतृत्व में चिकित्सकों ने विरोध प्रदर्शन किया।
अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ प्रदेश महासचिव डॉ. दुर्गा शंकर सैनी ने बताया कि सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो 30 अगस्त को राज्यभर के सेवारत चिकित्सक 24 घंटे का सामूहिक अवकाश लेंगे।

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लगी रही कतारें

आन्दोलन के कारण एमबीएस, जेके लोन, ईएसआई हॉस्पिटल, मेडिकल कॉलेज,दादाबाड़ी, विज्ञाननगर, भीममंडी सीएससी, रामपुरा सेटेलाइट अस्पताल, ग्रामीण क्षेत्र में कैथून, रामगंजमंडी, इटावा, सुल्तानपुर, सांगोद सीएससी व पीएससी में रोगियों की कतारें लगी रहीं। जबकि इन दिनों मौसमी बीमारियों का प्रकोप बना हुआ है। इससे चिकित्सा व्यवस्थाएं चरमरा गई।

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ये हैं प्रमुख मांगें -

- राज्य के समस्त ग्रामीण एव शहरी चिकित्सालयों का संचालन एक पारी में किया जाए।
- केन्द्र के समान वेतनमान दिया जाए एवं राज्य में चिकित्सा सेवा के लिए अलग से मेडिकल सर्विस कैडर का गठन किया जाए।

- चिकित्सा संस्थानों में चिकित्सकों के साथ होने वाली हिंसक घटनाओं की रोकथाम, चिकित्सकों व चिकित्सालयों की सम्पूर्ण सुरक्षा के लिए स्पष्ट प्रभावी नीति बनाई जाए।
- डीएसीपी का लाभ एरियर तिथि से दिया जाए।

- जुलाई 2011 के समझौते के अनुसार डीएसीपी की विसंगतियां दूर हों।
- प्रत्येक सीएचसी पर दो एवं प्रत्येक पीएचसी पर एक दंत चिकित्सक का पद सृजित किया जाए।