
कोचिंग स्टूडेंट का विरोध
नगर निगम की राजस्व समिति की ओर से कोचिंग नगरी कोटा में सफाई व्यवस्था में सुधार के लिए टैक्स लगाने के निर्णय का हर तरफ विरोध हो रहा है। शहर के कोचिंग संस्थानों और हॉस्टल संचालकों ने इसका विरोध दर्ज करवाया है। इसके लिए मंगलवार को राजीव गांधी नगर में विद्यार्थी एकत्र हुए और नगर निगम के खिलाफ नारेबाजी की। यहां एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के वाइस प्रसीडेंट सीआर चौधरी ने कहा कि नगर निगम के इस टैक्स की सोच ही गलत है। कोचिंग संस्थान हर तरह से शहर के विकास को समर्थन दे रहे हैं। शहर में विकास से जुड़ी हर गतिविधि में भागीदार बन रहे हैं। यदि इस तरह का टैक्स लगाया जाता है तो इसकी सीधी मार विद्यार्थियों और अभिभावकों पर पड़ेगी और उन पर जीएसटी के बाद एक और बड़ा भार होगा।
टैक्स सीधे तौर पर चौथवसूली
सुल्तानपुर यूपी के छात्र सर्वेश यादव ने कहा कि निगम 1 हजार रुपए टैक्स लेने जा रहा है। इसमें स्टूडेंट एक माह तक नाश्ता कर सकता है। 15 दिन तक खाना खा सकता है। यह तो सीधे-सीधे जेब पर डाका है। इतनी सफाई भी नहीं दिखती की निगम को टैक्स दिया जाए।अभिभावक महासंघ के अध्यक्ष क्रांति तिवारी ने कहा कि निगम द्वारा शुरू किया जा रहा यह टैक्स सीधे तौर पर चौथवसूली है। देशभर से स्टूडेंट्स कोचिंग करने आते हैं। पहले ही जीएसटी लगाकर विद्यार्थियों की कोचिंग महंगी कर दी है। यदि निगम इस टैक्स को लागू करता है तो इसका विरोध किया जाएगा, यह टैक्स नहीं वसूलने देंगे। प्रतिपक्ष नेता अनिल सुवालका ने कोचिंग संस्थाओं और स्कूलों से सफाई शुल्क वसूल करने के फरमान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे वापस लेने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी कि निगम ने यह निर्णय वापस नहीं लिया तो कांग्रेस के पार्षद मेयर कक्ष के बाहर अनशन पर बैठेंगे। पार्षद दिलीप पाठक ने कहा कि इससे सीधा असर अभिभावकों पर पड़ेगा, जिसे सहन नहीं करेंगे।
गंदगी फैलाने में कोचिंग का कोई रोल नहीं
एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट निदेशक नवीन माहेश्वरी ने कहा कि कोचिंग संस्थानों से सफाई टैक्स वसूलना उचित नहीं। निगम को पहले शहर को साफ करके बताए। कोचिंग विद्यार्थियों के लिए शहर में विशेष व्यवस्थाएं उपलब्ध करवाए। टैक्स सीधे तौर पर विद्यार्थियों से वसूली होगी, यह शहर की छवि देश में खराब करेगा। मोशन निदेशक नितिन विजय ने कहा कि जीएसटी के कारण 18 प्रतिशत टैक्स देना पड़ रहा है। नया टैक्स लादना सही नहीं। बड़ी बात यह कि कोचिंग का गंदगी फैलाने में कोई रोल नहीं है। इस फरमान से कोटा में बच्चों की संख्या कम हो जाएगी। नगर निगम की सोच अच्छी है, लेकिन तरीका गलत है।
कोचिंग को कमाई का जरिया बनाना गलत
बीट्रिक्स निदेशक अखिलेश दीक्षित का कहना है कि कोचिंग संस्थाएं पहले से ही जीएसटी की मार झेल रही। इस व्यवस्था से कोचिंगों पर और भार पड़ जाएगा। कोचिंग नगरी पर इसका गलत असर पड़ेगा। किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी संचालक एकजुट होकर आगे आएंगे। बंसल क्लासेस के वाइस प्रेसिडेंट ए.के. तिवारी ने कहा कि सफाई की जिम्मेदारी नगर निगम की है, कोचिंग की नहीं। शुल्क राशि राज्य सरकार से मांगी जाए। कोचिंग पहले से ही टैक्स दे रहे हैं। एेसे में उन पर दोहरी मार पड़ेगी। कोचिंग को कमाई का जरिया बनाना गलत है। कॅरियर पाइंट इंस्टीट्यूट निदेशक प्रमोद माहेश्वरी ने कहा कि कोचिंग सफाई शुल्क वसूलने वाला निर्णय सरासर गलत है। स्टूडेंट पर भार लादने से कोचिंग सेक्टर खत्म हो जाएगा। कोचिंग पहले से ही जीएसटी की मार झेल रहा है। यदि निगम अपना निर्णय नहीं बदलता है तो हम महापौर से मिलेंगे।
Published on:
22 Nov 2017 12:52 pm
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