
कोटा .
सरकार की समर्थन मूल्य पर सरसों की खरीद योजना की पहले दिन ही हवा निकल गई। किसानों ने सरसों की खरीद के लिए राजफेड के ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीयन तो कराए, लेकिन उन्हें बुधवार शाम तक भी उपज केंद्र पर तुलवाने का संदेश नहीं मिला।
ऐसे में किसान मोबाइल पर मैसेज का इंतजार करते रहे। वहीं सहकारिता विभाग के माध्यम से सरसों, चना, गेहूं की क्रय विक्रय सहकारी समितियों के माध्यम से खरीद के लिए हेंडलिंग एजेंट, परिवहन के टेंडर भी करने थे। जो भी खरीद शुरू होने की तिथि तक नहीं हो पाए।
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सहकारिता विभाग के सूत्रों ने बताया कि जिले में बुधवार से सरसों की खरीद शुरू होनी थी। 4000 रुपए प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर सरसों बेचने के लिए जिले के 47 किसानों ने ऑनलाइन पंजीयन कराया। जिन्हें बुधवार तक सरसों तुलवाने के लिए मोबाइल पर मैसेज जारी किए जाने थे, लेकिन बुधवार शाम तक भी किसानों के मोबाइल पर मैसेज नहीं पहुंचे। वहीं चना की खरीद 21 मार्च से शुरू होनी है। इसके लिए भी अब तक जिले में 401 किसानों ने ऑनलाइन आवेदन किए हैं।
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किसानों का नहीं दिख रहा रुझान
विभागीय सूत्रों ने बताया कि 4000 रुपए प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर सरसों बेचने के लिए इटावा में 25, सांगोद में 12, रामगंजमंडी 5 तथा कोटा में 4 किसानों ने ऑनलाइन आवेदन किया है। जबकि मंडी में रोजाना 5 हजार क्विंटल सरसों की आवक हो रही है। जहां 3700-3850 रुपए प्रति क्विंटल के भाव में सरसों बिक रही है। ऐसे में किसान 150 रुपए के चक्कर में जोखिम लेना नहीं चाह रहा।
सहकारी समितियां, कोटा ,उप रजिस्ट्रार अजय सिंह पंवार किसानों को उपज बेचने के मैसेज नहीं मिलने के कारण उपज तुलाई नहीं हो पाई। मैसेज नहीं मिलने के कारणों का पता किया जाएगा। हेेंडलिंग एजेंट, ट्रांसपोर्टेशन के टेंडर 19 मार्च को खोले जाएंगे।
Published on:
14 Mar 2018 06:10 pm
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