
नगर निगम कोटा
कोटा . नगर निगम बोर्ड पिछले तीन साल से सफाई में ही उलझा हुआ है। नया विवाद कचरा परिवहन टेण्डर को लेकर खड़ा हो गया। टेण्डर शर्तों की जटिलता के कारण पूरे शहर का कचरा ट्रेचिंग ग्राउण्ड तक ट्रैक्टर-ट्रॉली से परिवहन के लिए एक ही फर्म ने निविदा प्रक्रिया में भाग लिया। शर्तों को लेकर पार्षदों ने आपत्ति जताते हुए नए सिरे से टेण्डर करवाने की महापौर से मांग की है।
तीन जोन के टेण्डर, एक ही फर्म ने भाग लिया
निगम प्रशासन ने पिछले दिनों कचरा प्वाइंट से कचरा परिवहन का ठेका सेक्टरों के बजाए तीन जोन में देने का निर्णय करते हुए टेण्डर जारी किए थे। इसमें एक ही फर्म ने भाग लिया। इस फर्म ने विज्ञान नगर जोन में छह फीसदी अधिक की दर से कचरा परिवहन करने की निविदा डाली, जबकि इसी काम के लिए दूसरे दो जोन में 20 प्रतिशत कम दम पर निविदा डाली है। एक जैसे काम के लिए अलग-अलग दरें डालने को लेकर पार्षदों ने विरोध जताते हुए निविदा निरस्त करने की मांग की है। गौरतलब है कि कचरा परिवहन संसाधनों पर निगम करीब सालाना 10 करोड़ रुपए खर्च करता है फिर भी कचरा प्वाइंट्स से नहीं उठता है।
सेक्टरवार हो टेण्डर
दो दर्जन पार्षदों ने शुक्रवार को महापौर महेश विजय को ज्ञापन देकर कचरा परिवहन को टेण्डर निरस्त करने तथा सेक्टरवाइज टेण्डर करवाने की मांग की है। पार्षदों का कहना है कि पूरे शहर के कचरा परिवहन का काम एक ही फर्म को दे दिया गया तो कचरा परिवहन की व्यवस्था में सुधार होने के बजाए बिगाड़ होगा। जटिल शर्तों के कारण एक ही ठेका फर्म ने निविदा प्रक्रिया में भाग लिया। अत: टेण्डर निरस्त कर दुबारा किए जाएं। महापौर ने टेण्डर निरस्त करने की सिफारिश कर दी है। प्रतिनिधि मण्डल में पार्षद देवेन्द्र चौधरी, नरेन्द्र हाडा, विनोद नायक, महेश गौतम, रजिया पठान आदि शामिल थी।
Updated on:
16 Dec 2017 12:17 pm
Published on:
16 Dec 2017 12:15 pm
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