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करोड़ों रूपए खर्च कर 2 साल से पटरी पर दौड़ने के लिए यह ट्रैन बजा रही है हॉर्न पर नहीं मिल रहा ग्रीन सिग्नल

शुरूआत में ट्रेन ट्रॉयल के दौरान ही पटरी से उतर गई। तकनीकी खामियां दुरुस्त करने के बाद भी संचालन की तारिख तय नहीं होने से ट्रेन शुरू नहीं हो पाई।

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कोटा

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abhishek jain

Nov 23, 2017

Toy Train

कोटा .

बच्चों के मनोरंजन के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर चंबल गार्डन लाई गई टॉय ट्रेन दो साल से पटरी पर खड़ी है लेकिन दौड़ नहीं पा रही। निगम ने दो साल पहले यह ट्रेन मंगवाई थी। इसके संचालन के लिए निजी कंपनी को जिम्मेदारी सौंपी थी। शुरूआत में ट्रेन ट्रॉयल के दौरान ही पटरी से उतर गई। तकनीकी खामियां दुरुस्त करने के बाद फिर से ट्रेन को पटरी पर लाया गया और ट्रॉयल भी सफल रहा लेकिन संचालन की तारिख तय नहीं होने से ट्रेन शुरू नहीं हो पाई। निगम अधिकारियों की लापरवाही से ट्रेन खड़ी-खड़ी धूल खा रही है। हाड़ौती से बड़ी संख्या में लोग परिवार के साथ चंबल गार्डन घूमन आते हैं। पटरी पर ट्रेन खड़ी देख बच्चे सवारी की जिद करते हैं। लेकिन ट्रेन संचालित नहीं होने से बच्चों के साथ अभिभावक भी उदास हो जाते हैं।

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रेलवे इंजीनियरों ने किया था दौरा
ट्रॉयल के दौरान ट्रेन पटरी से उतरने पर निगम प्रशासन ने निजी कंपनी से पटरी की जांच कर फिटनेस प्रमाण प्रत्र मांगा था। रेलवे इंजीनियरों ने चंबल गार्डन पहुंचकर ट्रेक की जांच की। अधिकारियों ने तकनीकी रूप से ट्रेक को सही बताया लेकिन लिखित में देने से इंकार कर दिया। इसके बाद से ही ट्रेन पटरी पर खड़ी है।

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बनाई समिति

ट्रेन संचालन के लिए निगम ने समिति बनाई है, जिसमें आयुक्त, उपायुक्त, 3 एक्सईन, अधिशासी अभियंता व उद्यान समिति के अध्यक्ष को शामिल किया है। इनके द्वारा ट्रेन की ट्रायल ली गई। उन्होंने ट्रॉयल को सफल बताते हुए ट्रेन संचालन को हरी झंडी दे दी।
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23.07.13 को टेण्डर हुआ।
24.11.14 को टेण्डर पास होने के 7 दिन बाद काम शुरू किया।
30.09.15 को ट्रेक का काम पूरा नहीं होने पर अवधि बढ़ाई।
09.05.16 को ट्रेक बनकर पूरा हुआ। इसके बाद ट्रॉयल लेने पर ट्रेन पटरी से उतर गई।
29.06.16 को निगम द्वारा ट्रेन को चलाने वाली कंपनी
से ट्रेक फिटनेस प्रमाण पत्र मांगा गया।
04.07.17 को ट्रेन की ट्रॉयल ली गई। जिसमें इसको चलाने का निर्णय लिया गया।