scriptअस्पताल अधीक्षक को चेतावनी…बंद कर देंगे ताले में…. आखिर क्या है माजरा, किस ने दी चेतावनी। पूरा मामला जानने के लिए पढि़ए ये समाचार… | Warmer locked in JK Lone hospital | Patrika News

अस्पताल अधीक्षक को चेतावनी…बंद कर देंगे ताले में…. आखिर क्या है माजरा, किस ने दी चेतावनी। पूरा मामला जानने के लिए पढि़ए ये समाचार…

locationकोटाPublished: May 23, 2019 12:49:59 am

Submitted by:

Anil Sharma

कोटा. जेकेलोन अस्पताल में बच्चों के वार्डों में बंद पड़े वार्मर को चालू करने की मांग को लेकर भाजपा युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं ने बुधवार को अस्पताल में प्रदर्शन किया।

kota

जेकेलोन अस्पताल में अधीक्षक को बंद वार्मर को चालू करने की मांग करते भाजपा युवा मोर्चा कार्यकर्ता।

कोटा. जेकेलोन अस्पताल में बच्चों के वार्डों में बंद पड़े वार्मर को चालू करने की मांग को लेकर भाजपा युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं ने बुधवार को अस्पताल में प्रदर्शन किया। कार्यकर्ता नमन शर्मा व अन्य ने अधीक्षक से कहा कि ७७ में से ४४ वार्मर खराब पड़े हैं। एेसे में एक वार्मर में दो-दो बच्चों को रखा जा रहा है। इससे बच्चों में संक्रमण का खतरा बना हुआ है। नवजात की जान जोखिम में पड़ सकती है। बावजूद इसके अस्पताल प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है। उन्होंने अधीक्षक को चेतावनी दी है कि यदि पांच दिन में अस्पताल के सभी वार्मर चालू नहीं किए तो अधीक्षक कमरे में ताला लगा दिया जाएगा। गौरतलब है राजस्थान पत्रिका में २२ मई के अंक में ‘इलाज कराने आ रहे, बीमारी लेकर जा रहेÓ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। इसमें एनआईसीयू, एफबीएनसी वार्डों में खराब पड़े वार्मर की स्थिति बताई गई थी।
एमआरआई व सोनोग्राफी मशीन लगाने की मांग
एमबीएस अस्पताल में एमआरआई एवं सोनोग्राफी की बड़ी मशीन लगाने की मांग को लेकर विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। किसान नेता कुंदन चीता की अगुवाई में कार्यकर्ताओं ने अस्पताल अधीक्षक डॉ. नवीन सक्सेना को ज्ञापन के माध्यम से व्यवस्था सुचारू करने की मांग की। उन्होंने बताया कि यह संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल है। जहां हाड़ौती के अलावा मध्यप्रदेश, सवाईमाधोपुर व टोंक तक के रोगी उपचार कराने आते है, लेकिन यहां एमआरआई मशीन तक नहीं है। इस कारण मरीजों को नए अस्पताल या निजी अस्पतालों में जाना पड़ रहा है। नए अस्पताल में एक माह तक भी नम्बर नहीं आता। कई बार गंभीर मरीजों तक को एमआरआई के लिए तारीख दे दी जाती है। जिसे उन्हें समय पर उपचार नहीं मिल पाता। निजी अस्पताल में आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। वही, सोनोग्राफ ी की छोटी मशीन होने के कारण मरीजों को कई दिनों तक इंतजार करना पड़ता है। ज्ञापन देने वालों में सुरेश गुर्जर, डॉ. एलएन शर्मा, प्रमोद चतुर्वेदी, मंजू तंवर समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो