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ज्ञापन में आरोप लगाया कि 7 नवम्बर को तहसीलदार कार्यालय आए और मेरे साथ दुव्र्यवहार किया। इस बारे में पुलिस में भी शिकायत दी,लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की है। तहसीलदार को गिरफ्तार करने की मांग की है। पटवारी ने अन्य संगीन आरोप भी लगाए हैं। नामांतरण की रिपोर्ट भी तहसीलदार जबर्दस्ती ले गए हैं। छह माह से मानदेय का भुगतान नहीं करने की बात भी कही है।
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कनवास तहसीलदार सत्यनारायण बसवाल ने बताया कि हिंगोनिया की एक नामान्तरण की जिल्द गुमाने के मामले में कार्रवाई से बचने के लिए पटवारी झूठे आरोप प्रत्यारोप कर रही है, जिनमें किसी तरह की कोई सच्चाई नही है। पटवारी आए दिन अनुपस्थित रहती थी। जितने दिन उसने काम किया उतने दिन का मानदेय उसका जारी हुआ है। ना तो उसका कोई मानदेय रोका है और न ही पटवारी के आरोप में कोई सच्चाई है। जिला कलेक्टर को पूरे मामले से पूर्व में ही अवगत करा रखा है।
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इधर, दुष्कर्म और छेड़छाड़ मामले में पेश की एफआर
करीब 7 माह पहले कांग्रेस की पूर्व महिला जिलाध्यक्ष व उनके पति समेत तीन जनों के खिलाफ विज्ञान नगर थाने में दर्ज दुष्कर्म, छेड़छाड़ और मारपीट के मामले को पुलिस ने झूठा मानते हुए अदालत में एफआर पेश कर दी है। पुलिस जांच में सामने आया कि जिस समय की घटना बताई गई उस समय पीडि़ता न तो कोटा में थी और न ही नाबालिग। तीनों के खिलाफ पोक्सो धारा भी हटा दी गई है। अब इस मामले में 20 जनवरी को सुनवाई होगी।