
कोटा .
डोल्या पंचायत को शराब मुक्त बनाने के लिए मंगलवार को महिलाएं सड़क पर उतर आई। बड़ी संख्या में महिलाएं एकत्रित होकर कलक्ट्रेट पहुंची और धरना देकर प्रदर्शन किया। महिलाओं ने चांदबावड़ी गांव में आबकारी अधिकारी द्वारा जारी किए अस्थायी लाइसेंस को निरस्त करने की मांग की। इसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने जिला कलक्टर को ज्ञापन देकर शराब ठेका बंद करने का आग्रह किया। इस दौरान महिलाओं ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन शराब ठेका बंद नहीं करता है तो आरपार की लड़ाई लड़ी जाएगी।
परिवार में बढ़ रहा गृह कलेश
चांदबावड़ी गांव की महिला कौशल्या बाई ने बताया कि डोल्या पंचायत के सभी गांवों में बुजुर्ग, युवा व बच्चे शराब के आदि हो रहे हैं। परिवार में गृह कलेश बढ़ रहा है। एक तरफ सरकार बेटी-बचाओ का संदेश देती है, वहीं दूसरी तरफ माफियों को खुलेआम शराब बेचने की छूट दी जा रही है। अवैध तरीके से शराब बेचने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि गरीब परिवारों का भला हो सके।
यह है मामला
सरपंच नंदलाल मेघवाल ने बताया कि डोल्या पंचायत में 2 अक्टूबर को शराबबंदी को लेकर प्रस्ताव लिया था। 3 अक्टूबर को जिला कलक्टर को ज्ञापन देकर यहां संचालित शराब के ठेके बंद करने की मांग की थी। जांच हुई तो पता चला कि वहां कोई ठेका स्वीकृत ही नहीं है। शिकायत करने पर शराब माफियों ने सरपंच को जान से मारने की धमकी दी। इसके विरोध में ग्रामीणों ने मंडाना थाने का घेराव कर रिपोर्ट दर्ज कराई। आईजी व एसपी ने अवैध शराब की दुकानें बंद करवा दी। इसके बाद 7 नवम्बर को जिला आबकारी अधिकारी ने वैध लाइसेंस चादबांवडी गांव में जारी कर दिया।
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Published on:
14 Nov 2017 08:41 pm
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