प्रदेश के बूंदी, दौसा व चित्तौडग़ढ़ के 23 तथा मध्यप्रदेश का एक श्रमिक एक सीमेंट फैक्ट्री में काम करने बांग्लादेश गए थे। बांग्लादेश सरकार ने 26 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा कर दी। ऐसे में फैक्ट्री में काम बंद हो गया और श्रमिक वहां फ ंस गए। परिजनों के माध्यम से जब श्रमिकों के फ ंसे होने की जानकारी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को मिली तो उन्होंने इनकी घर वापसी के प्रयास किए। विदेश मंत्रालय की सहायता से इन श्रमिकों को 9 मई को दिल्ली लाया गया। दिल्ली में 14 दिन के लिए क्वारन्टन रखा गया। इस अवधि में लोकसभा अध्यक्ष के कार्यालय ने श्रमिकों का पूरा ध्यान रखा।
Read more : भामाशाहमंडी में 27 मई को बिना टोकन ला सकेंगे किसान गेहूं…. लोकसभा अध्यक्ष भी नियमित तौर पर श्रमिकों की कुशल पूछते रहे। क्वारन्टन अवधि 23 मई को पूरी हुई तो लोकसभा अध्यक्ष ने बूंदी, दौसा व चित्तौडग़ढ़ के श्रमिकों को तीन अलग-अलग बसों की व्यवस्था कर रवाना किया। श्रमिक सोमवार रात को अपने-अपने घर पहुंचे। इनमें बूंदी जिले के 6, बरूंधन के 3, गादेगाल 2, डोला की झोपडियां के एक, चित्तौडग़ढ 8 तथा दौसा के 9 श्रमिक शामिल हैं। मध्यप्रदेश के एक श्रमिक के लिए अलग से व्यवस्था की गई।