
कोटा/जयपुर। दुनिया की सबसे बड़ी मेटल की बेल (घंटी) जल्द ही कोटा के चंबल रिवरफ्रंट पर लगेगी। 57000 किलोग्राम की बेल को तैयार करने में जयपुर के इंजीनियर प्रांजल कटारा और उनकी टीम का अहम योगदान है। प्रांजल ने 30 फीट ऊंचाई और 27 फीट व्यास वाली बेल का 3डी तकनीक से मास्टरपीस तैयार किया है, जिसका वजन 8-10 हजार किलोग्राम है। जयपुर में तैयार इस मास्टरपीस को ट्रोलों के माध्यम से कोटा भेजा जा रहा है।
प्रांजल ने बताया कि हम चंबल रिवरफ्रंट कोटा के लिए इसी साल अप्रेल से दुनिया की सबसे बड़ी बेल पर काम कर रहे हैं। बेल निर्माण प्रक्रिया में पांच चरण शामिल हैं, जैसे 3डी सीएडी मॉडलिंग, 3डी सीएडी विश्लेषण, अनुमोदन के लिए मिनी 3डी प्रिंट बेल मॉडल, 3डी प्रिंटिंग के साथ बेल फैब्रिकेशन, असेंबली और पोस्ट प्रोसेसिंग। अतिरिक्त ताकत के लिए उत्कृष्ट कृति को धातु फ्रेम और शीसे रेशा मैट के साथ मजबूत किया गया है।
छह माह में बना पाए
प्रांजल ने बताया कि यह दुनिया की सबसे बड़ी बेल होगी। इसे बनाने में 4-6 महीने लगे हैं। सिंगल मैटल की इस बेल की खास बात यह है कि इसे सामान्य व्यक्ति चेन की मदद से बजा सकेगा और इसकी आवाज 8 किलोमीटर तक सुनी जाएगी।
रिकॉड की दावेदारी
यह भीमकाय बेल गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी स्थान पाएगी। प्रांजल ने बताया कि हमने गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में आवेदन भेज दिया है। जल्द ही स्वीकृति मिलने की उम्मीद है।
Published on:
27 Dec 2022 03:16 pm
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