
कोटा . संभाग के सबसे बड़े एमबीएस अस्पताल में स्टाफ कैंटीन बेहाल है। कैंटीन के अंदर चूहों ने बिल बना लिए हैं। बाहर बने सीवरेज टैंक की छह माह से सफाई नहीं होने से टैंक गंदगी से अटा पड़ा है। कैंटीन में सुबह-शाम मरीजों के लिए खाना बनाया जाता है। सीवरेज टैंक की दुर्गंध व संक्रमण के चलते मरीजों के बीमार होने की आशंका बनी हुई है।
मंत्री ने किया था लोकार्पण
एमबीएस अस्पताल में 23 अगस्त 2016 को कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने स्टाफ कैंटीन का लोकार्पण किया था। दस लाख की लागत से बनी कैंटीन में चूहों ने बड़े-बड़े बिल बना लिए हैं। कभी-कभार खाना बनाते समय चूहे उछलकूद करते हैं। चूहों से बचाने के लिए खाने की सामग्री दूसरे कमरों में रखनी पड़ती है।
दरवाजे बंद कर बनाना पड़ता है खाना
सीवरेज टैंक खुला रहने से दुर्गंध कैंटीन तक आती है। इससे खाना बनाने वाले कार्मिक खिड़की-दरवाजे बंद कर खाना बनाते हैं। बावजूद इसके दुर्गंध आती है, जबकि इस टैंक की छह माह पहले सफाई की गई थी, लेकिन ढकान नहीं किया। इससे यह गंदगी से अट गया।
टंकियां भी दे गई जवाब
कैंटीन की छत पर पानी सप्लाई की टंकियां रखी थी, लेकिन वह भी जवाब दे गई। कुछ टंकियां फूट गई तो किसी के वॉल्व गायब हो गए। इस कारण इनका उपयोग बंद करना पड़ा। खाना तैयार करने के लिए कर्मचारियों को दूसरी जगहों से पानी लाना पड़ता है।
किचन मैन भंवरसिंह हाड़ा का कहना है कि कैंटीन में चूहों की समस्या है। चूहों ने बिल बना रखे हैं। सीवरेज टैंक की दुर्गंध से खाना बनाने में परेशानी होती है। इसकी काफी समय पहले सफाई कार्मिकों ने सफाई की थी। उस समय ढकान टूट गया। उसके बाद दोबारा ढकान नहीं हुआ। अस्पताल प्रशासन को लिखित में अवगत करा रखा है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
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एमबीएस अस्पताल अधीक्षक डॉ. पीके तिवारी का कहना है कि अस्पताल में स्टाफ कैंटीन की समस्या आई है। ठीक करवाने के लिए पीडब्ल्यूडी को लिखा है। सीवरेज टैंक की भी जल्द सफाई कराएंगे।
Updated on:
22 Oct 2017 07:34 pm
Published on:
22 Oct 2017 07:30 pm
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