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कोटा के इंजीनियर्स ने 10 माह में बना डाली 4 हेरिटेज बाइक्स दिल्ली में दिखाएगी जलवा

कोटा के युवा इंजीनियर्स के ऑटो कस्टमाइजेशन का यह जलवा जल्द ही इंटरनेशनल ऑटो एक्सपो में बिखरेगा।

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कोटा . एल्कोहल बॉटल्स का फ्यूल टैंक... रिन्च-पाने के ब्रेक होल्डर- किक...अमरीका से मंगाए गए मोनो सॉक्स सस्पेंशन और हीलियम लाइट्स, दिल्ली के दरियागंज में कबाड़ बन चुकीं हेरिटेज बाइक्स की स्प्रिंग सीटों के साथ जब नई पौध के इंजीनियर्स की कल्पना का फ्यूजन हुआ तो ऐसी कस्टमाइज्ड बाइक बनकर सामने आईं जिनकी सवारी करने को हर शख्स तड़प उठा।

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कोटा के युवा इंजीनियर्स के ऑटो कस्टमाइजेशन का यह जलवा जल्द ही इंटरनेशनल ऑटो एक्सपो में बिखरेगा। बाइक कस्टमाइजेशन टीम के लीडर देवाशीष जेठवानी ने बताया कि स्क्रेप से चार बाइक्स बनाई हैं। इनमें से एक हेरिटेज बाइक जावा का रीस्टोरेशन है। बाइक्स को तैयार करने में टीम को 10 महीने से ज्यादा का वक्त लगा। ऐसे मौके भी आए जब पाट्र्स नहीं मिले, लगा कि प्रोजेक्ट ही न रुक जाए। टीम ने हौसला बढ़ाया और पाट्र्स को खुद ही बना डाला।

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जहाज के बटन
देवाशीष ने बताया कि इन बाइक्स में ***** ब्रेक से लेकर बटन तक बेहद मायने रखते हैं। बाइक को डायनेमिक लुक देने के लिए हवाई जहाज के स्विच और बटन तक का इस्तेमाल किया गया। एक बाइक दो फ्यूल टैंक की है तो एक बाइक में टैंक की जगह एल्कोहल बॉटल लगाई गई। एक में हारले डेविंस के पाट्र्स का इस्तेमाल किया गया। इस बाइक की लंबाई 9 फीट है। इसे कस्टमाइज करने पर करीब दो लाख रुपए का खर्च आया।

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हेरिटेज रैली से शुरू हुआ सफर
देवाशीष ऑटोमोबाइल इंजीनियर हैं, लेकिन सफर की शुरुआत विंटेज कार रैलियों से हुई। परिवार में हेरिटेज कार होने के कारण वे देश-विदेश जात रहेे। खुद भी विंटेज व्हीकल रैली आयोजित कर चुके, लेकिन पढ़ाई के समय से ही ऑटो कस्टमाइजेशन में हाथ अजमाने का इरादा था। बाइक को किस नाम से पुकारेंगे, पूछने पर वे बोले, जिसे जो पसंद आए, उस नाम से इन्हें पुकार सकता है।