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किसानों को ऋण सीमा बढऩे का इंतजार, बजट की समस्या आ रही आड़े

ग्राम सेवा सहकारी समितियों का मामला, काट रहे चक्कर

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कुचामनसिटी. सहकारिता विभाग की ग्राम सेवा सहकारी समितियों से ऋण लेने वाले किसानों की ऋण सीमा नहीं बढ़ रही है। इससे किसानों को सरकार की योजना का उचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। अधिकारियों के अनुसार ऋण वितरण में बजट की समस्या आड़े आ रही है। ऐसे में किसानों को ऋण के लिए जीएसएस के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। खरीफ के सीजन में भी कई किसानों ने ऋण सीमा बढ़ाने के लिए ग्राम सेवा सहकारी समितियों में जाकर व्यवस्थापकों से निवेदन किया। लेकिन कुछ ही जगहों पर ऋण लिमिट बढ़ पाई। जानकारी के मुताबिक ग्राम ेसेवा सहकारी समितियों में पहले किसानों से शुल्क लेकर उनको सदस्य बनाया जाता है। इसके बाद जमीन की नकल के आधार पर ऋण का वितरण किया जाता है। किसी किसान के पास ज्यादा जमीन है तो उसे उसी प्रकार ऋण का वितरण किया जाता है। कुचामन ब्लॉक में 23 ग्राम सेवा सहकारी समितियां है। इसमें हजारों किसानों ने ऋण ले रखा है। खरीफ के सीजन में किसानों ने ऋण राशि बढ़ाने के लिए ग्राम सेवा सहकारी समितियों में संपर्क किया लेकिन राशि कम होने के कारण ऋण वितरण की राशि में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हो पाई। जिन किसानों के पास ज्यादा जमीन होती है, उन्हें उसी अनुरूप ऋण का वितरण ज्यादा होता है। छोटे किसानों को ग्राम सेवा सहकारी समितियों से ऋण भी कम ही मिलता है। हालांकि सहकारी समितियों में अधिकतर ऋण 50 हजार तक का ही है। जो पूर्व की सरकार की ओर से माफ किया जात है। हालांकि नई सरकार ने भी कर्जमाफी की घोषणा की है, लेकिन अभी मामला प्रक्रियाधीन हैं। ग्राम सेवा सहकारी समितियां डेढ़ लाख तक का ऋण ब्याज मुक्त प्रदान करती है। इसमें किसी प्रकार का ब्याज किसान से नहीं लिया जाता। इसके अलावा अन्य प्रकार का ऋण भी सहकारी समितियों की ओर से प्रदान किया जाता है।

कुछ समय से नहीं बढ़ रही
पहले ऋण की लिमिट आसानी से बढ़ जाती थी, लेकिन अब थोड़ी दिक्कत ज्यादा आ रही है। किसान से जमीन की नकल समेत अन्य आवश्यक दस्तावेज मंगवाए जाते हैं। इसके बाद लिमिट तैयार की जाती है और ग्राम सेवा सहकारी समिति की ओर से किसान को ऋण प्रदान के करने के लिए अनुशंसा की जाती है। इसके बाद ब्लॉक के सेंट्रल कॉपरेटिव बैंक से किसान के खाते में ऋण की राशि जमा की जाती है।

इधर, पशुओं के प्रति संवेदना पैदा करने का उठाया बीड़ा
कुचामनसिटी. पशुपालन विभाग इन दिनों आमजन में पशुओं के प्रति संवेदना पैदा करने का बीड़ा उठा रहा है। इसके लिए विभाग की ओर से कई प्रकार की गतिविधियां आयोजित की जा रही है। राज्य सरकार ने जनवरी के पहले सप्ताह में इस प्रकार की गतिविधियां आयोजित करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद विभाग हरकत में आया था और जनवरी के दूसरे पखवाड़े की शुरुआत से विभिन्न प्रकार की गतिविधियां आयोजित करने की कार्ययोजना तैयार की गई थी। सरकार की ओर से पशुपालन विभाग को इस तरह की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए गए थे। इसके बाद विभाग के अधिकारियों ने वन विभाग के पशु-पक्षियों के प्रति संवेदना पैदा करने के अभियान की तर्ज पर विभिन्न गतिविधियां आयोजित करने की रूपरेखा बनाई। पशुपालन विभाग के कुचामन उपनिदेशक कार्यालय क्षेत्र में भी इसकी व्यापक स्तर पर तैयारी गई। कुचामन उपनिदेशक ने अपने स्तर पर प्रयास किए। इसके बाद 15 व 16 जनवरी को कुचामन में विभिन्न गतिविधियां हुई। इसमें विभाग के चिकित्सकों ने भी भाग लिया। गौरतलब है कि पशुपालन विभाग का उद्देशीय मवेशियों (पशुओं) के प्रति आमजन में संवेदना पैदा करने का था। वर्तमान में आमजन में पशुओं के प्रति दया दिखाने की भावना धीरे-धीरे खत्म हो रही है। इससे पशुओं के प्रति क्रूरता बढ़ रही है। नई सरकार ने पशुओं की पीड़ा को समझते हुए आमजन में पशुओं के प्रति संवेदना पैदा करने के उद्देशीय से जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय किया था। इस पहल का कुचामन में कुछ हद तक असर भी दिखा। अभियान अभी कुछ दिन और चलेगा। वन विभाग ने भी कुछ दिनों पहले पशु-पक्षियों के प्रति मानवीय संवेदना विकसित करने के उद्देशीय से अभियान चलाया था। इसके तहत शहर में कई प्रकार की गतिविधियां आयोजित की गई थी। गतिविधियों के तहत शहर में गोष्ठियों का भी आयोजन किया गया था। इसके अलावा अन्य प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए गए।


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