6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

थाईलैंड की 2 बहनें हुईं भोले की दीवानी, हर साल करतीं हैं रुद्राभिषेक

kushinagar सावन के महीने में पूरे यूपी में बम-बम भोले के जयकारे की धूम है। कुशीनगर में थाईलैंड से आए एक परिवार को रुद्राभिषेक करते देख ग्रामीण चौंक गए। जी, थाईलैंड की 2 सगी बहनें शंकर भगवान की दीवानी हैं।

2 min read
Google source verification
थाईलैंड की 2 बहनें हुईं भोले की दीवानी, हर साल करतीं हैं रुद्राभिषेक

थाईलैंड की 2 बहनें हुईं भोले की दीवानी, हर साल करतीं हैं रुद्राभिषेक

सावन के महीने में पूरे यूपी में बम-बम भोले के जयकारे की धूम है। कुशीनगर में थाईलैंड से आए एक परिवार को रुद्राभिषेक करते देख ग्रामीण चौंक गए। जी, थाईलैंड की 2 सगी बहनें शंकर भगवान की दीवानी हैं। रामनगर स्थित शिव मंदिर में पूरे विधि विधान के साथ इस वर्ष रुद्राभिषेक किया। भगवान शंकर की प्रति विदेशी परिवार की आस्था को देखकर सभी ग्रामीणों का सिर श्रद्धा से झुक गया।

कौतूहल का विषय बना

मामला यह है कि, भगवान शिव की महिमा से प्रभावित होकर थाईलैंड का दो परिवार हर साल भारत आकर रुद्राभिषेक कराता है। इस बार थाइलैंड से दो बहनें फ्रोनक्रान फंगफाओ और एर्री वीराथेस अपने बेटे बनपेट यम्मनीचाई के साथ आईं और रुद्राभिषेक किया। विदेशी महिलाओं के रुद्राभिषेक करना ग्रामीणों के लिए कौतूहल का विषय बना रहा।

यह भी पढ़ें - IPS Transfer : सीएम योगी का ऐक्‍शन, 18 आईपीएस के तबादले

आर्थिक परेशानी दूर हुई

बताया जाता कि, थाईलैंड के सुफनबुरी बैंकाक में फ्रोनक्रान फंगफाओ और एर्री वीराथेस का परिवार आर्थिक तंगी गुजर रहा था। एक दिन किसी भारतीय ने उन्हें भगवान शंकर की पूजा करने को कहा। उन्हें तस्वीर दिया और पूजा की विधि भी बताई। कुछ दिन की पूजा के बाद परिवार की आर्थिक परेशानी दूर हुई। तो पूरे परिवार की शिव में श्रद्धा बढ़ गई। और जानकारी कर वाराणसी आई बाबा विश्वनाथ और मारकंडे महादेव का दर्शन किया।

यह भी पढ़ें - लाली मुर्गा मर गया पूरा गांव रोया, मालिक ने तेरहवीं में 500 को कराया भोज जानें

शंकर में जगी श्रद्धा

थाई बहनों ने बताया कि, एक बार वे वाराणसी आए थे। तभी उन्हें भगवान शंकर में श्रद्धा जगी थी, जिसके बाद हर साल वे भारत में सावन महीने में आकर रुद्राभिषेक कराती हैं। कोरोना के कारण दो साल भारत नहीं आ पाए थे। इस साल कुशीनगर आकर रुद्राभिषेक पूरे विधि-विधान के साथ किया।