
उत्तर प्रदेश में बाढ़ ने बिगाड़े हालात। फोटो सोर्स-Ai
Uttar Pradesh Flood: उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ की वजह तबाही मची हुई है। कई इलाके जलमग्न हैं। इस वजह से जन जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। लखीमपुर खीरी की बात करें तो यहां करीब 50 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में हैं।
बाढ़ की वजह से ग्रामीण तटबंध के इलाकों में चारपाई पर ही घर और गृहस्थी का जरूरी सामान रखने को मजबूर हैं। कुछ गांव में लोग ऐसे भी हैं जो चारों ओर से घिरे पानी के बीच में खटिया और बैलगाड़ी पर खाना पका रहे हैं। एक ऐसी ही तस्वीर लखीमपुर खीरी में बहेलियनपुरवा गांव में देखने को मिली। यहां एक महिला ने अपने मासूम बच्चे की भूख मिटाने के लिए चारपाई पर खाना बनाती हुई नजर आई। बाढ़ प्रभावित लोगों को प्रशासन से मदद का इंतजार है लेकिन लोगों के मुताबिक अभी तक मदद के लिए उनके पास कोई नहीं पहुंचा है।
इलाके के रैनी, समदहा, सड़गड़ा, खगियापुर, चहलपुर, मड़वा, आशापुरी, प्रीतमपुरवा, लुधौनी, सन्तरामपुरवा, बहेलियनपुरवा, बंशीबेली, मिलिक, बनटुकरा, मांज्ञासुमाली, जंगल मटेरा, गनापुर समेत अन्य गांवों में शारदा नदी का पानी पहुंच गया है। सबसे ज्यादा खराब हालात ईसानगर विकास इलाके के ग्रामसभा मड़वा व चकदहा में है। यहां लोगों के पास खाने-पीने की व्यवस्था तक नहीं है।
पीलीभीत की बात करें तो देवहा और शारदा नदियों की बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। शहर से लेकर गांव तक पानी भरा है। कलीनगर क्षेत्र के ग्राम दयालपुर में 9 साल के बच्चे की डूबकर मौत हो गई, जबकि दियोरिया कोतवाली क्षेत्र के गांव जगतपुर (रामनगर) का युवक तेज धारा में बह गया। उसका अब तक कोई पता नहीं चल पाया है।
वहीं, दियोरिया कोतवाली क्षेत्र के गांव जगतपुर निवासी संजीव पुत्र भगवानदास भैंस नहलाने माला नदी पर गया था। अचानक तेज बहाव में वह पानी में बह गया। ग्रामीणों ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे। सूचना पर पुलिस पहुंची और गोताखोरों की मदद से उसकी तलाश कराई जा रही है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
Published on:
05 Sept 2025 11:25 am
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