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लखीमपुर खीरी में हलचल तेज: गुजरात ATS का छापा, संदिग्ध आतंकी सुहेल के घर में तलाशी, परिवार से घंटों पूछताछ

Gujarat ats raids lakhimpur kheri: लखीमपुर खीरी के सिंगाही कस्बे में गुजरात एटीएस के छापे ने स्थानीय माहौल में हलचल बढ़ा दी। संदिग्ध आतंकी सुहेल की गिरफ्तारी के सात दिन बाद टीम ने उसके घर पहुंचकर परिजनों से पूछताछ की और तलाशी ली। एजेंसियां सुहेल के संपर्कों, गतिविधियों और डिजिटल रिकॉर्ड की गहन जांच कर रही हैं।

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ATS का सिंगाही में छापा, संदिग्ध सुहेल के घर तलाशी और परिवार से घंटों पूछताछ (फोटो सोर्स : Whatsapp News Group )

ATS का सिंगाही में छापा, संदिग्ध सुहेल के घर तलाशी और परिवार से घंटों पूछताछ (फोटो सोर्स : Whatsapp News Group )

Gujarat ATS raid: लखीमपुर खीरी के सिंगाही कस्बे में शनिवार की सुबह उस समय अचानक हलचल बढ़ गई जब गुजरात एटीएस (Anti-Terrorism Squad) की टीम ने इलाके में दबिश दी। टीम ने आठ नवंबर को गुजरात से गिरफ्तार किए गए संदिग्ध युवक सुहेल खां के घर पहुंचकर करीब एक घंटे तक पूछताछ की और घर के प्रत्येक हिस्से की तलाशी ली। टीम के पहुंचते ही कस्बे में तनाव जैसा माहौल बन गया और बड़ी संख्या में लोग घर के बाहर जमा हो गए। स्थानीय पुलिस भी मौके पर तैनात रही और किसी को भी घर के पास जाने की अनुमति नहीं दी गई।

गुजरात एटीएस द्वारा की गई यह कार्रवाई ऐसे समय हुई जब देशभर में विभिन्न राज्यों में सक्रिय आतंकी मॉड्यूल पर एजेंसियां लगातार सख़्ती कर रही हैं। सुहेल की गुजरात से गिरफ्तारी के बाद खुफिया एजेंसियां उसके संपर्क, उसकी गतिविधियों और पिछले कुछ वर्षों के उसके ठिकानों की जांच में जुटीं हैं। सिंगाही में हुआ यह छापा उसी कड़ी का हिस्सा माना जा रहा है।

परिवार से बंद कमरे में पूछताछ, दस्तावेज़ों और मोबाइल की जांच

सूत्रों के अनुसार, गुजरात एटीएस को शक था कि सुहेल के घर में कुछ ऐसे दस्तावेज़, डिजिटल डिवाइस या संपर्क सूत्र मिल सकते हैं जो उसकी गतिविधियों से जुड़े हों। इसी आधार पर टीम ने छापा मारते ही घर के मुख्य कमरों, स्टोर और अन्य हिस्सों की तलाशी ली। एटीएस अधिकारियों ने परिजनों से अलग-अलग कमरों में सवाल-जवाब किए। खासतौर पर घर की महिलाओं से उनकी जानकारी ली गई, जिसमें शामिल था-

  • सुहेल की पढ़ाई और धार्मिक प्रशिक्षण
  • उसके हाल के सफर
  • किन लोगों से संपर्क बनाए रखा
  • पिछले कुछ महीनों में उसके व्यवहार में क्या बदलाव आया
  • क्या वह किसी नए संगठन, व्यक्ति या समूह के संपर्क में था

टीम ने घर में रखे कुछ कागजात, डायरी, नोटबुक और दो मोबाइल फोनों की भी जांच की है। तकनीकी टीम इन डिवाइसों की फोरेंसिक जांच करेगी, ताकि पता चल सके कि सुहेल किन संदिग्ध लोगों के संपर्क में था।

भीड़ के बीच सतर्कता, कस्बे में तनावपूर्ण शांति

सिंगाही कस्बे में एटीएस की अचानक मौजूदगी ने लोगों में तरह-तरह की चर्चाओं को जन्म दिया। घर के बाहर सुबह से ही भीड़ इकट्ठा हो गई और लोग यह जानने की कोशिश करते रहे कि आखिर सुहेल के घर पर क्या चल रहा है। थानाध्यक्ष अजीत कुमार ने बताया कि गुजरात ATS ने परिजनों से कुछ महत्वपूर्ण जानकारी ली है। जांच पूरी तरह प्रोफेशनल ढंग से की जा रही है और आवश्यकता पड़ने पर टीम दोबारा भी पूछताछ कर सकती है। स्थानीय पुलिस सिर्फ सहयोग कर रही है। हालांकि एटीएस टीम के जाते-जाते माहौल शांत हो गया, लेकिन कस्बे में चर्चा का दौर अभी भी जारी है। कुछ लोग सुहेल को शांत स्वभाव का बताते हैं, तो कुछ कहते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में उसका रहन-सहन और सोच में बदलाव दिखता था।

कौन है सुहेल खां

सिंगाही के वार्ड नंबर एक का रहने वाला सुहेल खां पेशे से ट्रैक्टर मिस्त्री सलीम का बेटा है। आर्थिक रूप से साधारण परिवार से आने वाला सुहेल तीन वर्ष पहले हाफिज की पढ़ाई के लिए मुजफ्फरनगर गया था। परिवार को उम्मीद थी कि वह धार्मिक शिक्षा पूरी करके घर लौट आएगा और आगे किसी अच्छे संस्थान में दाखिला लेगा।

लेकिन सूत्र बताते हैं कि उसी अवधि में उसके संपर्क कुछ ऐसे तत्वों से बनने लगे, जिन पर सुरक्षा एजेंसियों की नजर पहले से थी। गिरफ्तारी से पहले वह लगभग 15 दिन पहले गुजरात गया था। वहां किन लोगों से मिलने गया, किसके संपर्क में था, और उसकी यात्रा का उद्देश्य क्या था-एटीएस इसी की तहकीकात कर रही है।

गुजरात में संदिग्ध आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप

आठ नवंबर को गुजरात एटीएस ने आतंकवादी गतिविधियों में संदिग्ध रूप से शामिल होने के आरोप में सुहेल को गिरफ्तार किया था। प्राथमिक जांच में यह सामने आया कि वह कुछ ऐसे लोगों से संपर्क में था, जिन पर आतंकी संगठन के लिए फंडिंग, मैसेजिंग और लॉजिस्टिक सपोर्ट देने के आरोप हैं। एटीएस यह भी जांच कर रही है कि क्या सुहेल किसी बड़े मॉड्यूल का हिस्सा था या केवल लिंक मैन (जोड़ने वाला) के रूप में काम कर रहा था।

एजेंसियों की गहन जांच-परिवार के व्यवहार से लेकर डिजिटल फुटप्रिंट तक

गुजरात एटीएस के अलावा यूपी एटीएस, स्थानीय खुफिया यूनिट (LIU), और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) भी इस मामले में जुट गए हैं। उनकी जांच का दायरा व्यापक है, जिसमें शामिल हैं-

  • सुहेल के पिछले 3 वर्षों के मोबाइल रिकॉर्ड
  • धार्मिक शिक्षा संस्थानों में उसकी गतिविधियाँ
  • मुजफ्फरनगर और गुजरात में उसके संपर्क
  • सोशल मीडिया इतिहास
  • बैंक लेनदेन और यात्रा रिकॉर्ड

सुरक्षा एजेंसियों को संदेह है कि शायद सुहेल किसी बड़े नेटवर्क में ‘फुट सोल्जर’ की भूमिका में था, जिसे धीरे-धीरे आगे बढ़ाया जा रहा था।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया-सरप्राइज और डर दोनों

सिंगाही के बुजुर्गों का कहना है कि उन्होंने सुहेल को शांत स्वभाव का देखा था। कुछ युवा यह भी बताते हैं कि वह बीते एक साल में कम दिखता था और ज्यादा समय बाहर ही रहता था। एक दुकानदार का कहना था कि हमें विश्वास नहीं होता कि वह आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हो सकता है, लेकिन जब एटीएस आई है तो कुछ न कुछ गंभीर तो होगा ही। दूसरी तरफ कुछ लोग इस बात से भी चिंतित हैं कि इससे कस्बे की छवि खराब हो सकती है।

क्या हो सकता है आगे

जांच एजेंसियां सुहेल के डिजिटल रिकॉर्ड और संपर्कों का विश्लेषण कर रही हैं। यदि कोई ठोस लिंक मिलता है, तो  परिवार से दोबारा पूछताछ हो सकती है। उसके गुजरात और मुजफ्फरनगर कनेक्शन की विस्तृत जांच होगी। किसी अन्य संदिग्ध व्यक्ति तक भी जांच पहुंच सकती है। गुजरात एटीएस इस समय देश के कई राज्यों में सक्रिय मॉड्यूल की जांच कर रही है, और सुहेल की गिरफ्तारी इसी व्यापक अभियान का हिस्सा है।


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